उन्नाव शराब कांड में बड़ा एक्शन हुआ है। पिछले दिनों शराब पीने से दो बुजुर्गों की मौत के बाद आबकारी इस्पेक्टर, सोहरामऊ थाने, दरोगा समेत पांच को निलंबित कर दिया गया है। सेल्समैन समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या और मिलावटी शराब बेचने की रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर चारों को जेल भेजकर ठेका सीज कर दिया। मंगलवार को सोहरामऊ के लालपुर स्थित गोपाल सिंह के ठेके से बिचपरी गांव के हुलासी, पृथ्वीपाल और उनके भाई जयकरण ने शराब खरीदी थी। शराब पीने के बाद गुरुवार को हुलासी व पृथ्वीपाल की मौत हो गई थी। जयकरण को गंभीर हालत में हैलट भेजा गया। प्राथमिक जांच में पता चला कि तीनों ने जिस ठेके से शराब खरीदी थी वहां मिलावटखोरी की जा रही थी। एसपी सिद्धार्थशंकर मीणा ने मामले में लापरवाही बरतने वाले थानेदार अवधेश सिंह, दरोगा इंद्रबहादुर सिंह, सिपाही संजेश यादव और आशीष को निलंबित कर दिया।
उधर, आबकारी आयुक्त लखनऊ ने हसनगंज आबकारी इंस्पेक्टर कुमार गौरव सिंह को निलंबित किया। पृथ्वीपाल की बेटी अंजली की तहरीर पर पुलिस ने अमेठी जिले के थाना पीपरपुर के तुलापुर गांव निवासी सेल्समैन राजकुमार, फतेहपुर जिले के थाना सुल्तानपुर घोष के एरायां गांव के रवि सिंह, बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र के तेरवा के टिंकल यादव और फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के माड़ापुर बांगरमऊ निवासी कृष्णा जायसवाल के विरुद्ध हत्या और मिलावट करने की धारा में केस दर्ज कर चारों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपितों के पास से 15 क्वार्टर देसी शराब व 96 बोतलों के ढक्कन और ब्रांड रंग की डिब्बी भी बरामद की गई है।
उन्नाव एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया, मामला मिलावट का प्रतीत हो रहा है। नमूना फॉरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा गया है। ठेके पर मिलावटी शराब बेचे जाने की आशंका पर चार आरोपितों पर कार्रवाई कर जेल भेजा गया है।
पानी और केमिकल मिलाकर बनाते थे दो शीशी शराब
ठेके पर शराब में मिलावट का खेल लंबे अरसे से चल रहा था। करीब तीन साल पहले जिले के ज्यादातर ठेकों पर शराब पानी मिलाकर बेची जाती थी। कुछ समय बंद रहा। उसके बाद खेल फिर शुरू हो गया। मिलावटी शराब से जहां एक ओर मोटी कमाई की जा रही है, वहीं लोगों की जान से खेला जा रहा है। एसपी ने बताया कि ठेके पर एक शीशी शराब खोल ली जाती थी। उसकी आधी शराब दूसरी शीशी में डाल दी जाती थी। उसके बाद शीशी को पानी से भर दिया जाता था। ओरिजिनल शराब की तरह रंग दिखे, इसके लिए केमिकल और रंग मिला दिया जाता था।
शुरुआती जांच में पता चला का मिलावट का खेल ठेके से ही किया जा रहा था। शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई वह शराब के आदी थे। उनको मिलावटी शराब दे दी गई, जिसे पीने से उनकी हालत बिगड़ गई। सूत्रों की माने तो जिले के ज्यादातर ठेकों पर मिलावट की जाती है। पानी और केमिकल से शराब तैयार की जाती है। ठेके पर ही उसे सील किया जाता है। शाम होते ही उसे बेच दिया जाता है। जो कमजोर होता है उसकी शराब पीने से मौत हो जाती है। एसपी ने बताया कि जयकरन नौजवान है, इसलिए उस पर असर कम हुआ। हालांकि उसकी तबीयत भी अभी ठीक नहीं है।
सिंडीकेट, ठेकेदार, माफिया और विभाग का खेल
शराब में मिलावट कर करोड़ों का खेल किया जा रहा है। जिले में देसी के 349, विदेशी के 91 और बीयर की 73 दुकानें हैं। इसके अलावा सात मॉडल शॉप हैं। सूत्रों की माने तो देसी ही नहीं विदेशी शराब में भी मिलावट की जाती है। इसमें सिंडीकेट, ठेकेदार, माफिया, पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर खेल करता है। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में मिलावट का खेल बखूबी होता है। विभाग के अफसर दावा करते हैं कि दुकानों में मिलावट नहीं की जाती है मगर सोहरामऊ की घटना से यह साफ कर दिया कि मिलावट का खेल खूब चलता है।