कानपुरः यूपी की कानपुर पुलिस ने एक लाख के इनामी बदमाश अजय ठाकुर को दिल्ली से अरेस्ट किया है। अजय ठाकुर बीते 28 जनवरी को अपना दल (एस) की रैली में मारपीट और पथराव किया था। इसके बाद से फरार चल रहा था। अजय ठाकुर पर कानपुर के विभिन्न थानों में रंगदारी, अपहरण, बलवा, जान से मारने की धमकी समेत 26 मुकदमे दर्ज हैं। वर्चस्व की लड़ाई में उसे कुछ सफेदपोश नेताओं का भी सरंरक्षण प्राप्त था। अजय ठाकुर सफेदपोश और प्रभावशाली लोगों से संपर्क कर गोली नहीं मारने और आत्मसर्पण कराने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनवा रहा था।
बर्रा थाना क्षेत्र स्थित जरौली फेस वन निवासी अजय ठाकुर का आपराधिक इतिहास लगातार बढ़ता जा रहा था। अजय ठाकुर पर पहला मुकदमा 2016 में बर्रा थाने में मारपीट, रुपए मांगने और धमकाने का दर्ज किया गया था। इसके घटना के बाद उसी साल अजय पर आर्म्स एक्ट, मारपीट, रंगदारी की धाराओं में पांच मुकदमे दर्ज हुए थे।
जमानत पर छूट कर आने के बाद उसने अपना अलग गैंग बना लिया। गैंग के सदस्यों की मदद से नाबालिग छात्रों से वसूली करवाता था। इसके साथ ही नाबालिग छात्राओं और युवतियों को झांसे में लेकर वसूली करता था।
अपना दल (एस) की रैली में किया था पथराव
अजय ठाकुर पर मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही थी। शहर के विभिन्न थानों में दुष्मर्क, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर, आईटी एक्ट, बलवा, आपराधिक षडयंत्र रचने समेत धाराओं में 26 मुकदमें दर्ज हैं। अजय ठाकुर जनवरी 2024 में जमानत पर छूटकर बाहर आया था। बीते 28 जनवरी को उसने वर्चस्व कायम रखने के लिए अपना दल (एस) की रैली में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर पथराव और जानलेवा हमला किया था। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने कैसे किया गिरफ्तारपुलिस अजय ठाकुर की तलाश में अटारी बार्डर तक पहुंच गई थी। लेकिन पुलिस के पहुचंने से पहले ही भाग निकला था। पुलिस ने अजय ठाकुर और उसके परिजनों की कॉल डिटेल निकलवाई। जिसमें पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला। उस नंबर को ट्रैस किया, तो उसकी लोकेशन दिल्ली की निकली। डीसीपी साउथ की स्वाट टीम ने उसे दिल्ली से अरेस्ट कर लिया। अजय ठाकुर की सोशल मीडिया पर कई स्थानीय विधायकों और प्रभावशाली लोगों के साथ फोटो वायरल है।