राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनाई गई मस्जिद को गिराया जाएगा। तहसीलदार की कोर्ट में सुनवाई के बाद आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही तहसीलदार ने मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया।
राजपुर खामपुर गांव के रहने वाले गुलशार ने बीती 29 जुलाई को उच्च न्यायालय में विशेष याचिका दायर की थी। इसमें गुलशार ने आरोप लगाया कि गांव के तालाब की जमीन पर कब्जा कर मुतवल्ली ने टकिया वाली मस्जिद का निर्माण कराया है। इस निर्माण को अवैध बताकर हटाने की मांग की गई। उच्च न्यायालय ने निर्माण को अवैध अतिक्रमण बताते हुए राजस्व संहिता के आधार पर सुनवाई करते हुए निस्तारण करने के आदेश दिए। 90 दिन का समय निर्धारित किया गया।
उच्च न्यायालय से आदेश की कॉपी के साथ गुलशार ने एक शिकायत डीएम को दी। डीएम ने बागपत तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश जारी किए। इसके बाद लेखपाल और कानूनगो ने पैमाइश कर तहसीलदार को अपनी रिपोर्ट भेजी, जिसके आधार पर तहसीहलदार के न्यायालय में वाद दर्ज कर सुनवाई शुरू की गई।
इसके बाद साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए मस्जिद के मुतवल्ली फरियाद को नोटिस भी जारी किए गए। सुनवाई के दौरान राजस्व के जिला शासकीय अधिवक्ता रविंद्र सिंह राठी और अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नगेश कुमार ने पक्ष रखा। सुनवाई पूरी होने पर बुधवार को तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह ने तालाब की जमीन पर बनाई गई मस्जिद को अवैध करार दिया। साथ ही मुतवल्ली फरियाद पर 4.12 लाख रुपये अर्थदंड लगाया और पांच हजार रुपये निष्पादन व्यय देने के आदेश दिए। वहीं मस्जिद गिराए जाने के आदेश के बाद गांव के लोगों में रोष है।
कब्जा हटवाने के लिए बनेगी समिति
मस्जिद को गिराने के लिए राजस्व अफसरों की समिति का गठन कर समय भी निर्धारित किया जाएगा। इसके बाद गठित समिति राजपुर खामपुर गांव में जाकर मस्जिद को गिराने की कार्रवाई करेगी।