SANCHAR NOW
Advertisement
  • होम
  • आस्था
  • एनसीआर
    • गाजियाबाद
    • ग्रेटर नोएडा
    • नोएडा
  • प्राधिकरण
  • मनोरंजन
    • खेल
    • बॉलीवुड
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • नई दिल्ली
  • राष्ट्रीय
  • होम
  • आस्था
  • एनसीआर
    • गाजियाबाद
    • ग्रेटर नोएडा
    • नोएडा
  • प्राधिकरण
  • मनोरंजन
    • खेल
    • बॉलीवुड
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • नई दिल्ली
  • राष्ट्रीय
No Result
View All Result
SANCHAR NOW
No Result
View All Result
Home राज्य उत्तराखंड

मजदूरों को बचाने में लगेगा और कितना समय, कहां तक पहुंचा काम?

Sanchar Now by Sanchar Now
26/11/2023
in उत्तराखंड, राज्य
0
मजदूरों को बचाने में लगेगा और कितना समय, कहां तक पहुंचा काम?

तारीख पर तारीख. ये सनी देओल की फिल्म का मशहूर डायलॉग है. ऐसे ही उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवारों को रोज नई-नई डेडलाइन दी जा रही है. 4 दिन से यही खबर आ रही है कि अब सुरंग में फंसे 41 मजदूर बाहर आ जाएंगे. लेकिन रोज मजदूरों और उनके परिवारों को निराशा ही मिल रही है. मजदूरों के रेस्क्यू को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है. जो उम्मीदें थीं, उस पर फिलहाल पानी फिर गया है.

शनिवार को उस वक्त मजदूरों और रेस्क्यू टीम को एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ा, जब रेस्क्यू में लगी अमेरिका से आई ऑगर मशीन के ब्लेड खराब होने से वो नाकाम हो गई. अब माना जा रहा है कि रेस्क्यू टीम के पास वर्टिकल ड्रिलिंग यानी सुरंग के ठीक ऊपर के हिस्से के पहाड़ की खुदाई का विकल्प बचा है. वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए भारी भरकम मशीनें पहुंचाई जा रहीं हैं.

दो प्लान पर काम कर रही थी रेस्क्यू टीम

अब मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए सुरंग के ऊपर से खुदाई की तैयारी है. वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ले जाया जा रहा है. इससे पहले तक माना जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन मलबे में ड्रिंलिग का काम जल्द पूरा करेंगी और मजदूर निकाल लिए जाएंगे. लेकिन शनिवार सुबह-सुबह ऐसी खबर आई जो पूरे देश को मायूस कर गई. मलबे को भेद पाने में ऑगर मशीन नाकाम रहीं. उसके ब्लेड टूट गए और मशीन बेदम हो गई. मजदूरों को निकालने को लेकर दो प्लान पर एजेंसियां काम कर रही थीं. आइए बताते हैं कि वो प्लान के बारे में-

प्लान -A के तहत अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम चल रहा था. ड्रिलिंग मशीन के जरिए 80 सेंटीमीटर मोटाई वाली पाइप को भेजा जा रहा था. लेकिन करीब-करीब 45 से 46 मीटर की दूरी पर जाकर ऑगर मशीन ने काम करना बंद दिया क्योंकि ये मशीन टूट गई, यानी मजदूरों से महज 12 से 15 मीटर की दूरी पर ये काम ठप हो गया. इस प्लान के तहत सिल्क्यारा साइड में मजदूरों को निकालने के लिए मेडिकल की सुविधा थी. टनल के बाहर 41 एंबुलेंस और 40 डॉक्टरों की टीम तैनात थी.

पढ़ें  गूगल मैप ने फिर अधूरे पुल पर चढ़ाया, रास्ते में लटक गई कार, बाल-बाल बचे 3 लोग

अब आपको प्लान B के बारे में बताते हैं, जिसकी चर्चा जोरों पर है. इस प्लान के तहत टनल में वर्टिकली 86 मीटर की खुदाई होनी है. हालांकि इसको लेकर अबतक रेस्क्यू टीम में जुटी एजेंसियों ने कोई फाइनल फैसला नहीं किया है. लेकिन माना जा रहा है इस प्लान पर आगे बढ़ा जा सकता है. वहीं टनल के दूसरे सिरे से भी हॉरिजॉन्टल खुदाई जारी है. अबतक दूसरे सिरे से खुदाई के लिए 3 ब्लास्ट किए जा चुके हैं.

चुनौतियां भरी होगी वर्टिकल ड्रिलिंग

हालांकि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी चुनौतियों भरा है. कई टन वजनी मशीन को उस ऊंचाई तक पहुंचाना और फिर ड्रिलिंग एक लंबी प्रक्रिया है. ONGC और SGVNL सुरंग के ऊपर से ड्रिल की तैयारी में जुटे हैं. इसके लिए बीआरओ ने सड़क पहले ही तैयार कर लिया था. लेकिन असल चुनौती अब है. माना जा रहा है कि ऊपरी हिस्से से फंसे मजदूरों तक 85 मीटर से ज्यादा की ड्रिल करनी होगी.

ड्रिल के लिए लाई गई इस मशीन का इस्तेमाल डीप सी एक्सप्लोरेशन में किया जाता है. सुरंग के ऊपर पहुंचने के बाद इस मशीन और इसके पुर्जों को जोड़ा जाएगा. ड्रिल से पहले मशीन को तैयार करने में करीब 2 घंटे का वक्त लगेगा. ड्रिल की रफ्तार वहां मिलने वाली मिट्टी और चट्टान पर निर्भर है. जितनी सख्त जमीन मिलेगी उतना ज्यादा समय लगेगा. अब तक राहतकर्मी सुरंग के मुहाने से हो रही ड्रिलिंग के भरोसे थे. अब वर्टिकल ड्रिलिंग ही सहारा है, क्योंकि सुरंग के अंदर मलबे में मौजूद सरिये के जाल को काट पाना आसान नहीं. यानि इंतजार की घड़ी अभी लंबी है.

पढ़ें  सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के DGP को लगाई फटकार, कहा- 'ऐसा आदेश देंगे कि जीवन भर याद रहेगा'

लंबा प्रोसेस है वर्टिकल ड्रिलिंग: एक्सपर्ट

आजतक की टीम ने कोंकण रेल प्रोजेक्ट के पू्र्व एक्जीकुटिव डायरेक्टर विनोद कुमार से भी बात की और जाना कि ऐसी हालत में वर्टिकल ड्रिलिंग करने में क्या क्या दिक्कत आ सकती हैं. उन्होंने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग लंबा प्रोसेस है. इसमें समय लगता है. सबसे पहले टनल का सर्वे करना पड़ता है और सही लोकेशन का पता करना पड़ता है. इसके लिए मशीन ले जाने के लिए रोड भी तैयार किया जाना पड़ता है. 90 मीटर ड्रिलिंग करनी है तो पहले 5-6 इंट के छोटे सुराग मारकर देखना होगा. इसके जरिए मिट्टी और पत्थर का पता लगाया जाता है कि खुदाई के लिए किस तरह की स्थिति है.

मैनुअल ड्रिलिंग बेहतर विकल्प: एक्सपर्ट

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम को ड्रिलिंग का पायलट सुराग मारकर देखना होगा, अगर सब सही होता है उस सुराग के जरिए कटर डाला जाएगा और नीचे से ही कटर को ऊपर की तरफ ड्रिल किया जाए, ताकि सुराग बड़ा होता जाए. इसमें कम से कम 9-10 दिन का समय लग सकता है. इससे बेहतर है होगा कि जिस तरह से टीम ने 45-46 मीटर की खुदाई ऑगर मशीन से सुंरग में कर ली है, उसके आगे अब एनडीआरएफ की मदद से छोटी-छोटी ट्रोली के जरिए मलबा बाहर निकाला जाए. यानी जो 12-15 मीटर की खुदाई ऑगर से नहीं हो पा रही है, उसे मैनुअली किया जाए और तीन बाई तीन की ड्रिफ्ट बनाएं. इसे 1 से ढेड़ दिन में कर लिया जाएगा. इसमें ज्यादा मेहनत नहीं होगी. वर्टिकल ड्रिल में काफी समय लग जाएगा. जिस तरह हॉरिजोन्टल ड्रिलिंग में दिक्कत आ रही है, उसी तरह वर्टिकल ड्रिलिंग में भी दिक्कतों से इनकार नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें  चारधाम 2024: ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरु, हरिद्वार और ऋषिकेश से 1500-1500 लोगों का होगा पंजीकरण

लूडो, ताश और शतरंज से टाइम पास कर रहे मजदूर

उधर, मजदूरों के पास टाइम पास करने और उन्हें व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज भेजे गए हैं. मजदूरों को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्हें योग करने की सलाह दी जा रही है. सरकार मजदूरों तक बीएसएनएल के जरिए फोन भेज रही है, जिससे वो लैंडलाइन से अपने घर वालों से बात कर सकें. वहीं शनिवार को मोबाइल फोन भी पाइप के जरिए मजदूरों तक भेजे गए हैं, जिन पर वह गेम खेलकर खुद को तनाव मुक्त रख सकते हैं.

14 दिन से फंसे है मजदूर

उत्तराकाशी में फंसे 41 मजदूरों को फंसे हुए 14 दिन हो चुके हैं. इस बीच उनके लिए दो सप्लाई पाइप- एक छह इंच का, जिससे खाना-पानी भेजा जा रहा है तो दूसरे 4 इंच के पाइप से कैमरा अंदर भेजा गया है. वहीं मजदूरों को बाहर निकालने पर स्टैंडबाय में 4 किलोमीटर दूर हेलिकॉप्टर भी तैनात किया गया है. इस बीच रेस्क्यू में अहम भूमिका निभाने वाले इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स ने बिना लाग लपेट के कह दिया कि अभी मजदूरों को बाहर आने में एक महीने तक का वक्त लग सकता है. रेस्क्यू में लगातार देरी की नई वजह हैं. अमेरिकी से आई ऑगर मशीन नाकाम हो गई है. अब आगे के रेस्क्यू में ऑगर का इस्तेमाल नहीं होगा.

Tags: Pushkar DhamiUttarakhandUttarakhand NewsUttarakhand Tunnel AccidentUttarkashi Tunnel Crash
Previous Post

हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान दिवस, जानें इस खास दिन का इतिहास और महत्व

Next Post

ग्रेनो वेस्ट में मेट्रो व रजिस्ट्री की मांग को लेकर निवासियों ने किया प्रदर्शन

Sanchar Now

Sanchar Now

Sanchar Now is Digital Media Platform through which we are publishing international, national, states and local news mainly from Western Uttar Pradesh including Delhi NCR through Facebook, YouTube, Instagram, Twitter and our portal www.sancharnow.com

Next Post
ग्रेनो वेस्ट में मेट्रो व रजिस्ट्री की मांग को लेकर निवासियों ने किया प्रदर्शन

ग्रेनो वेस्ट में मेट्रो व रजिस्ट्री की मांग को लेकर निवासियों ने किया प्रदर्शन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected test

  • 23.9k Followers
  • 99 Subscribers
Plugin Install : Widget Tab Post needs JNews - View Counter to be installed
  • Trending
  • Comments
  • Latest
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

24/07/2025
यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

23/07/2025
सेक्टर चाई-थ्री में पेड़ कटान पर प्राधिकरण सख्त, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट – एफआईआर और विभागीय कार्रवाई भी लेकिन ?

सेक्टर चाई-थ्री में पेड़ कटान पर प्राधिकरण सख्त, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट – एफआईआर और विभागीय कार्रवाई भी लेकिन ?

23/07/2025
गाजियाबाद में एसटीएफ ने किया ‘नकली दूतावास’ का भंडाफोड़, फर्जी एम्बेसडर हर्षवर्धन गिरफ्तार

गाजियाबाद में एसटीएफ ने किया ‘नकली दूतावास’ का भंडाफोड़, फर्जी एम्बेसडर हर्षवर्धन गिरफ्तार

23/07/2025

Recent News

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

24/07/2025
यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

23/07/2025
सेक्टर चाई-थ्री में पेड़ कटान पर प्राधिकरण सख्त, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट – एफआईआर और विभागीय कार्रवाई भी लेकिन ?

सेक्टर चाई-थ्री में पेड़ कटान पर प्राधिकरण सख्त, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट – एफआईआर और विभागीय कार्रवाई भी लेकिन ?

23/07/2025
गाजियाबाद में एसटीएफ ने किया ‘नकली दूतावास’ का भंडाफोड़, फर्जी एम्बेसडर हर्षवर्धन गिरफ्तार

गाजियाबाद में एसटीएफ ने किया ‘नकली दूतावास’ का भंडाफोड़, फर्जी एम्बेसडर हर्षवर्धन गिरफ्तार

23/07/2025

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

Follow Us

Our Visisters

Our Visitor

1268928

Recent News

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 24 जुलाई 2025 : आज हरियाली अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

24/07/2025
यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

यीडा में छह गांवों के 308 किसानों को मिले आबादी भूखंड, प्राधिकरण ने कराया 7% आबंटन का ड्रा

23/07/2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • होम
  • आस्था
  • एनसीआर
    • गाजियाबाद
    • ग्रेटर नोएडा
    • नोएडा
  • प्राधिकरण
  • मनोरंजन
    • खेल
    • बॉलीवुड
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • नई दिल्ली
  • राष्ट्रीय

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

We use cookies to ensure that we give you the best experience on our website. If you continue to use this site we will assume that you are happy with it.OkPrivacy policy