संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का धरना आज 20वें दिन भी जारी रहा वहीं प्रशासन की तरफ से हाई पावर कमेटी बनाने के आश्वासन के बाद भी कोई नोटिफिकेशन नहीं दिया गया है। जबकि बीते दिनों प्रशासन की तरफ से 18 फरवरी तक शासन स्तर पर हाई पावर कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया था। जिसके चलते कल सोमवार को किसान संगठन एकजुट होकर आगे की रणनीति बनाएंगे।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर पिछले बीस दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन दिन और रात चल रहा है जिसमें किसानों के साथ महिलाएं भी भारी संख्या में शामिल हो रही है। 12 फरवरी को किसानों ने प्रदर्शन करते हुए दिल्ली कूच की योजना बनाई थी जिसके बाद किसानों से प्रशासन ने वार्ता कर 18 फरवरी तक शासन स्तर पर एक हाई पावर कमेटी बनाने का आश्वासन दिया था। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने दिल्ली कूच की योजना को रद्द कर दिया वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों का धरना दिन और रात जारी है।
किसान नेता रुपेश वर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन की ताकत के बल पर 12 फरवरी को हुई वार्ता में प्रशासन ने 18 फरवरी तक 10% आबादी प्लॉट और नए कानून को लागू करने के संबंध में हाई पावर कमेटी के गठन का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से हाई पावर कमेटी के गठन की कोई सूचना नहीं दी गई है। रुपेश वर्मा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने पूर्व में भी इसी प्रकार किसानों के साथ वादा खिलाफी की थी। जेल में बंद किसानों को इसी आधार पर आश्वासन दिया गया था कि 30 जून 2023 तक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया जाएगा लेकिन शासन ने पत्र भेज कर हाई पावर कमेटी के गठन से इनकार कर दिया। अब इसी प्रकार पुनः उन्होंने बीते 12 फरवरी को आश्वासन दिया था कि 18 फरवरी तक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया जाएगा और किसानों को इसकी सूचना दे दी जाएगी। लेकिन आज रविवार 18 फरवरी तक हाई पावर कमेटी के गठन का कोई नोटिफिकेशन किसानों को नहीं दिया गया है।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बिल्डर के मसले पर बिना किसी देरी के कार्रवाई होती है जबकि किसानों के पांच प्रतिशत के प्लाट भी नोएडा में बिल्डरों को आवंटित कर दिए गए हैं। किसानों के साथ लगातार धोखाधड़ी इस सरकार की फितरत बन गई है। इस सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को दस-दस साल हो गए लेकिन उनके कान पर जु तक नहीं रेग रही है वह किसानों के मुद्दे को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। वही किसान सभा के नेता निरंकार प्रधान ने कहा कि अबकी बार 10% नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया जाएगा। जिसे गांव-गांव में पहुचा कर सत्ताधारी पार्टी को पूरी तरह नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाएगी और इसे पूरी तरह राजनीतिक मुद्दा बनाया जाएगा।
रविवार को प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों के धरने में प्रशांत भाटी ने कहा कि इस बार की लड़ाई आर पार की है और हम जीत कर ही दम लेंगे। इसी सिलसिले में 19 फरवरी को भारतीय किसान परिषद और जय जवान जय किसान संगठन सहित अन्य किसान संगठन और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बुलाया जाएगा। 19 फरवरी को आंदोलन के बारे में बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं इसके साथ ही आगे के आंदोलन की रणनीति भी बनाई जाएगी।