दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कैबिनेट मंत्रियों के साथ (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) वीसी पर बातचीत करने की अनुमति देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. वकील श्रीकांत प्रसाद ने यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की है. याचिका में कहा कि न तो भारतीय संविधान और न ही किसी कानून ने मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री सहित किसी भी मंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोका है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका के जरिए यह निर्देश देने की मांग की गई है कि अरविंद केजरीवाल को जेल में जरूरी सुविधाएं दी जाएं, जिससे वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में काम करना जारी रख सकें. याचिका में तर्क दिया गया है कि केजरीवाल सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिससे दिल्ली के लोगों को फायदा हुआ है और योजनाओं ने वैश्विक मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया है.
याचिका में मीडिया चैनलों को सीएम के इस्तीफे से संबंधित सनसनीखेज सुर्खियां चलाने से रोकने के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई है. इसमें आगे मांग की गई है कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष को केजरीवाल के इस्तीफे के लिए ‘अनुचित तरीकों’ से दबाव बनाने से रोका जाना चाहिए.
केजरीवाल ने अदालत से की थी यह भी मांग
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने नियमित डॉक्टर से परामर्श करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुरोध संबंधी आवेदन पर मंगलवार को ईडी को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल के समक्ष दायर अपने आवेदन में केजरीवाल ने कहा कि उनका रक्त शर्करा स्तर घट-बढ़ रहा है और वह अपने नियमित डॉक्टर से परामर्श करना चाहते हैं.
न्यायाधीश ने ईडी को 18 अप्रैल तक उसका जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। संभावना है कि अदालत उस दिन इस विषय पर सुनवाई कर सकती है. केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए ईडी के वकील ने दलील दी कि जेल में ऐसे रोगियों के लिए आवश्यक सुविधाएं हैं तथा वहां उनका चिकित्सा परीक्षण हो सकता है. केजरीवाल के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से कहा कि यदि मैं अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर रहा हूं तो ईडी उसका विरोध क्यों कर रहा है?
अदालत ने सोमवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी. ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल पर ‘आबकारी नीति के निर्माण एवं क्रियान्वयन से लेकर दिल्ली शराब घोटाले की पूरी साजिश’ में लिप्त रहने का आरोप लगाया है.