उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ के मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक कमेटी का गठन कर दिया है. इस आशय की जानकारी एक आदेश के जरिए दी गई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है.
जांच कमेटी पांच सवालों के जवाब ढूंढेगी. हालांकि उसके सामने बड़ी चुनौती हादसे का पूरा सच बाहर लाना होगा.
1-कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा प्रवत्त अनुमति एवं उसमें उल्लिखित शर्तों के अनुपालन की जांच,
2-यह घटना कोई दुर्घटना है अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना की संभावना के पहलुओं की जांच,
3- जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने हेतु किये गये प्रबन्ध एवं उनसे सम्बन्धित अन्य पहलुओं की जांच,
4- उन कारणों एवं परिस्थितियों का अभिनिश्चय करना जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई,
5- भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के सम्बन्ध में सुझाव देना.
121 लोगों की हो गई है मौत
आदेश में कहा गया है कि यह दो महीने के भीतर पूरी करनी होगी. आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्यपाल की सहमति से न्यायिक आयोग का गठन करते हुए पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है. इनमें कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा दी गयी अनुमति और उसकी शर्तों के अनुपालन की जांच करना शामिल है.
हाथरस के पुलरई गांव में विश्व हरि ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं. दूसरी ओर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोनम कुमार ने कहा, ‘‘हाथरस की घटना के बाद आगरा जिले के सैयां में भोले बाबा की ‘सत्संग सभाओं’ की अनुमति रद्द कर दी गई है. सत्संग चार जुलाई से 11 जुलाई तक आयोजित होने थे.’’