संचार नाउ। ग्रेटर नोएडा में देश की सबसे स्मार्ट टाउनशिप में से एक आईआईटीजीएनएल के इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में निवेश के लिए सिंगापुर ने भी रुचि दिखाइ है। सोमवार को सिंगापुर के एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटीजीएनएल के इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का जायजा लिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और प्रेरणा सिंह ने सिंगापुर प्रतिनिधि मंडल को इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
दरअसल, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत आईआईटीजीएनएल की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई गई है। इस टाउनशिप में उद्यमी तत्काल प्लांट लगाकर काम शुरू कर सकता है। इस टाउनशिप में वर्क टू साइकिल, 24 घंटे बिजली व एलइडी लाइट जैसे सुविधाएं मौजूद हैं यह टाउनशिप सीसीटीवी से भी लैस है। इस टाउनशिप की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जा रही है सोमवार को सिंगापुर के प्रतिनिधि मंडल ने टाउनशिप में निवेश की इच्छा जाहिर की। सिंगापुर सरकार के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के सीनियर डायरेक्टर फ्रांसिस चोंग के नेतृत्व में सात सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल में सिंगापुर की दो मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने इन अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ ने प्रतिनिधि मंडल को इंटीग्रेटेड टाउनशिप के इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की।
इस दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और प्रेरणा सिंह ने सिंगापुर के प्रतिनिधि मंडल को औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बताया। वही टाउनशिप में उपलब्ध औद्योगिक भूमि की भी जानकारी दी। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने कहा कि वह सिंगापुर के निवेशकों को टाउनशिप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। जिससे टाउनशिप में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश बढ़ाने की उम्मीद है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक एनजी रवि कुमार ने कहा कि इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप और ग्रेटर नोएडा दोनों शहरों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है। निवेशकों को हर संभव सहयोग देने की कोशिश की जा रही है। औद्योगिक निवेश से न सिर्फ इन दोनों शहरों का विकास होगा बल्कि इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के तमाम अवसर भी उपलब्ध होंगे।