उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की और से 36 यूनिपोल के टेंडर निकाले थे। इन यूनिपोल का आवंटन बिड के जरिए किया गया है। इन 36 यूनिपोल से रिजर्व प्राइस पर पांच साल के अंदर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगभग 19 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन रिजर्व प्राइस से लगभग 40 फीसदी अधिक दर पर बिड हुई, जिसकी वजह से अब प्राधिकरण को 19 करोड़ की बजाय 27 करोड़ रुपये मिलेंगे।
अवैध यूनिपोल को हटाया जाएगा
बता दे कि ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने शहर में लगे जितने भी अवैध यूनिपोल लगाए हुए हैं उन्हें हटाकर नए यूनिपोल का टेंडर कर नए सिरे से आवंटित करने के कड़े आदेश दिए है। सीईओ के निर्देश का पालन करते हुए प्राधिकरण के अर्बन सर्विसेज विभाग ने नए यूनिपोल की लोकेशन के टेंडर निकाले थे। इनमें से अधिकांश यूनिपोल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, डीएससी रोड, 105 मीटर रोड, 60 मीटर रोड व 80 मीटर रोड पर मौजूद हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह का कहना है कि, 36 नए यूनिपोल के लोकेशन चिंहित किए गए और इनका टेंडर निकाला गया। सबसे अधिक बिड लगाने वाले को ये यूनिपोल आवंटित किए गए हैं।
अवैध यूनिपोल लगाने वालों की लगेगी क्लास
उन्होंने बताया कि लोकेशन के आधार पर यूनिपोल के लिए 10 जोन बनाए गए हैं। इनमें से 5 जोन (जोन-1, 2, 5, 6 और 8) के 36 यूनिपोल का आवंटन बिड से किया गया। इन यूनिपोल से प्राधिकरण को पांच साल में 27 करोड़ रुपये की आमदनी होगी। कंपनियां पांच साल के लिए इन यूनिपोल पर विज्ञापन लगा सकेंगी। इनके आकार व डिजाइन प्राधिकरण के मानकों के हिसाब से ही होंगे। एसीईओ प्रेरणा सिंह ने चेतावनी दी है अगर किसी ने अवैध यूनिपोल लगाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।