Sanchar Now। 15 अक्टूबर 2024 – 58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला 16 से 20 अक्टूबर 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस संस्करण में 16 बड़े हॉल में 3000+ प्रदर्शकों की बारीकी से व्यवस्थित लेआउट का दावा किया जा रहा है, इनमें से 14, अहम डिस्प्ले सेगमेंट को समर्पित हैं, जिसमें हाउसवेयर, होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, गिफ्ट एवं डेकोर, लैंप एवं लाइटिंग, क्रिसमस एवं फेस्टिव डेकोर, फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज, स्पा एवं वेलनेस प्रॉडक्ट, कारपेट एवं रग्स, बाथरूम एक्सेसरीज, गार्डेन एक्सेसरीज, एजुकेशनल टॉयज और गेम्स, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद और स्टेशनरी, तथा चमड़े के बैग शामिल हैं। यहां आने वालों आगंतुक, हॉल में प्रदर्शक बूथों के अलावा इंडिया एक्सपो सेंटर की विभिन्न मंजिलों पर स्थित प्रमुख निर्यातकों के 900 मार्ट/स्थायी शो रूम में भी जा सकेंगे।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े सोर्सिंग आयोजनों में से एक, आईएचजीएफ दिल्ली मेला आयातकों, खरीदारों और खुदरा विक्रेताओं को भारत के बेहतरीन हस्तशिल्प को प्राप्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इसकी अंतरराष्ट्रीय पहुंच, उद्यमियों, निर्यातकों और कारीगरों को जोड़ने की क्षमता के साथ मिलकर, भारतीय उत्पादों की विशिष्टता, गुणवत्ता, डिजाइन और मार्केटिंग क्षमता विदेशी खरीदारों में इनके प्रति विश्वास बढ़ाती है। प्रत्येक संस्करण नए खरीदार कनेक्शन के माध्यम से नई व्यावसायिक संभावनाओं को उजागर करता है, जबकि इसके माध्यम से आयोजन में आने वाले खरीदारों को प्रत्येक वर्ष विस्तारित उत्पाद चयन की पेशकश की जाती है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र की भविष्य की तैयारी की दिशा में चल रही यात्रा पर प्रकाश डालता है, जो गतिशील और महत्वाकांक्षी निर्माताओं द्वारा संचालित है। जो क्षमताओं को बढ़ाने, वैश्विक मानकों का पालन करने और स्थिरता को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इनका वर्गीकरण अद्वितीय डिजाइनों को रचनात्मकता के साथ मिश्रित करता है, ऐसे उत्पाद पेश किए जाते जो कल्पना को जगाते हैं और अपनापन एवं पृथक होने की भावना के साथ घर के सौंदर्य को चार चांद लगाते हैं। प्रदर्शनों में विशिष्ट, अनूठी वस्तुएं हैं जो शिल्प कौशल, परंपरा और नवीनता का सार प्रस्तुत करती हैं। इस अद्वितीय मंच के माध्यम से हस्तशिल्प और कला के ऐसे खजाने उपलब्ध कराए गये हैं जो देश की समृद्ध विरासत को दर्शाने के साथ ही विश्व स्तर पर समकालीन हैं। साल 2023-24 के दौरान भारत से हस्तशिल्प का कुल निर्यात 32,758 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ था।
ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में चीफ मेंटर और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा बताया कि भारतीय उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग यह सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है कि भारतीय शिल्प कौशल दुनिया भर के घरों में अपनी जगह बना सके। होम डेकोर, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्निशिंग और फर्नीचर के क्षेत्र में, आईएचजीएफ दिल्ली मेला एक गतिशील मंच के रूप में विकसित हुआ है, जो नए उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से परिचित कराता है, जबकि खरीदारों को उभरते आपूर्तिकर्ताओं से नए उत्पादों और विचारों की खोज करने की सुविधा देता है। कुशल कार्यबल और प्रचुर कच्चे माल द्वारा समर्थित भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र निर्यातकों को इनोवेश और कस्टमाइजेशन की स्वतंत्रता प्रदान करता है। ईपीसीएच द्वारा समर्पित और समर्थित डिजाइन, पूर्वानुमान और बाजार विश्लेषण प्रदर्शकों को बोल्ड और विशिष्ट उत्पादों को प्रदान करने का अवसर और शक्ति देते हैं, जिससे खरीदारों के लिए असीमित अवसर पैदा होते हैं।
उन्होंने बताया की आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2024 में बिहार के पारंपरिक और समकालीन हस्तशिल्प की समृद्ध विविधता भी प्रदर्शित की जाएगी, जैसे सुजनी शिल्प, एप्लिक शिल्प, मधुबनी पेंटिंग, सिक्की घास शिल्प और अन्य कारीगरी कार्य, जो राज्य के जीवंत कारीगर समुदाय की दक्षता को उजागर करेंगे। आगंतुकों को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करने वाले जटिल डिजाइनों को देखने और सराहने का अवसर मिलेगा।
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने बताया की सबसे जीवंत और विविध व्यापार प्लेटफार्मों में से एक, आईएचजीएफ दिल्ली मेला खरीदारों को विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय हस्तशिल्प की व्यापक रेंज का पता लगाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। आईएचजीएफ दिल्ली मेला भारतीय निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन और संवंर्धन बन चुका है, जो लगातार दुनिया भर से खरीदारों को आकर्षित कर रहा है। यह संस्करण उस विरासत को जारी रखने वाला है, जो वैश्विक खरीदारों को भारत के सभी क्षेत्रों के बेहतरीन हस्तशिल्प और उपहारों तक पहुंच प्रदान करता है। हमारे प्रदर्शकों ने मौजूदा बाजार ट्रेंड और खरीदारों की प्राथमिकताओं के साथ तालमेल सुनिश्चित करते हुए उत्पाद डिजाइन और विकास में जबरदस्त प्रयास किया है। अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया और पहले से किए गए रजिस्ट्रेशन इस संस्करण के प्रति उनकी उम्मीद को दर्शाता है।
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा की राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) और ईपीसीएच के सहयोग से उत्पादों के एक डिस्प्ले में सस्टेनेबल डिजाइन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रकट किया जाएगा। यह पहल सामग्री (या माल) में नयापन, सामुदायिक सह-उत्पादन और चक्रीय अर्थव्यवस्था सिद्धांत पर फोकस करते हुए भारतीय हस्तशिल्प को आधुनिक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के साथ जोड़ती है। इसके अलावा, खरीदारों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए मेले में रैंप शो, ट्रेंड को लेकर पूर्वानुमान, शिल्प का प्रदर्शन और नॉलेज सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जिससे भारत की असाधारण शिल्पकला की गहरी समझ विकसित होगी।
100 से अधिक देशों से विदेशी खरीददार होंगे शामिल
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि भारतीय हस्तशिल्प निर्यात की आधारशिला के रूप में, आईएचजीएफ ब्रांड ने वैश्विक मान्यता और सम्मान अर्जित किया है, जो दुनिया भर के खरीदारों को भारत की बेहतरीन पेशकशों से जोड़ता है। हमारे सम्मानित प्रदर्शक विविध खरीद ट्रेंड को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं, जो वॉल्यूम-आधारित और कस्टम डिजाइन के हिसाब से ऑर्डर प्रदान करने की अद्वितीय लचीलेपन से भी लैस हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इसराइल, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पनामा, पेरू, फिलीपींस, पुर्तगाल, रूस, सऊदी अरब, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य समेत 100 से अधिक देशों के विदेशी खरीदारों ने मेले में आने के लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है।