Sanchar Now। ग्रेटर नोएडा की दादरी पुलिस ने फर्जी क्रेडिट कार्ड व लोन करने वाले गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से भारी संख्या में डेबिट-क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड व चेक बुक सहित अन्य सामान और एक टाटा हैरियर कार बरामद की है। इन आरोपियों ने पिछले 2 साल में 15 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया है जिसके चलते इस गिरोह में बटवारे को लेकर आपस में विवाद हुआ। बंटवारे के विवाद में साथियों ने मिलकर गिरोह के सरगना की हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है वही दो आरोपी अभी फरार हैं।
दरअसल, दादरी थाना क्षेत्र स्थित हायर कंपनी के पास 7 अक्टूबर को एक शव मिला। जब पुलिस ने इस मामले में शव की जांच शुरू की तो मृतक की पहचान अमित कुमार सिंह के रूप में हुई मृतक ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहता था। मृतक ने मैंफ़र्श फैशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई इस कंपनी में उसने अपने कई दोस्तों को जोड़ा और फिर फर्जी तरीके से लोन दिलाकर फर्जीवाड़ा शुरू किया। इसके बाद आपस में काम करने वाले सभी दोस्तों में डेढ़ करोड़ रुपए के बटवारे को लेकर विवाद हुआ और उसके चार दोस्तों ने मिलकर अमित कुमार सिंह की हत्या कर दी। पुलिस ने इस हत्या का खुलासा करते हुए उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था वही एक आरोपी हत्या में फरार है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। हत्या की साजिश में शामिल व फर्जी लोन कराने वाले दो आरोपियों को दादरी पुलिस ने मंगलवार को आरवी नॉर्थलैंड चौराहे के नजदीक सीएनजी पम्प के पास से गिरफ्तार किया है।
फर्जी लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने की ऐसे बनाते थे योजना
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मिया खान ने बताया कि अमित कुमार सिंह की हत्या की साजिश व उसके साथ फर्जी लोन दिलाने के मामले में दादरी पुलिस ने दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान हरियाणा के फरीदाबाद निवासी गोविंद सिंह और बिसरख थाना क्षेत्र के अंतर्गत इको विलेज वन सोसायटी निवासी विशाल चंद्र सुमन के रूप में हुई है। आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मृतक अमित कुमार सिंह व उनका यह गिरोह आधार कार्ड व रेंट एग्रीमेंट के आधार पर फर्जी तरीके से नाम, पता व मोबाइल नंबर बदलकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। इसके बाद मैंफर्स प्राइवेट लिमिटेड में लोन लेने वाले व्यक्ति को पहले नौकरी देते थे। उसके बाद कंपनी की पे स्लिप के आधार पर बैंक में उसका खाता खुलवाते थे और फिर 6 से 9 महीने तक सैलरी के नाम पर एक मोटी रकम उसके बैंक खाते में ट्रांसफर करते थे जिससे उसका सिविल स्कोर बढ़ जाए। हालांकि उसके खाते में भेजी गई सैलरी के नाम पर रकम को यह आरोपी वापस नगद ले लेते थे। उसके बाद उस व्यक्ति का सिविल स्कोर बढ़कर पे स्लिप के आधार पर 40 से 50 लाख का लोन व 2 से 3 लाख रुपए की लिमिट का क्रेडिट कार्ड बैंक से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी करते थे। जिसके बाद सभी आरोपी लोन लेने वाले व्यक्ति को एक से दो लाख रूपए देकर सब कुछ अपने पास रख लेते थे। उसे व्यक्ति के बैंक की सारी डिटेल व दस्तावेज पासबुक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और उसका मोबाइल नंबर जिसको बैंक में प्रयोग करते थे आरोपी अपने पास रखते थे। जिस से उसके बैंक से लोन की रकम और क्रेडिट कार्ड की रकम को लेकर यह लोग धोखाधड़ी करते थे।
बैंक कर्मी फर्जी लोन में करती थी मद्दत
डीसीपी ने बताया कि आरोपी अमित कुमार सिंह का 7 अक्टूबर को मर्डर कर दिया गया। जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने बताया कि हम और हमारे अन्य साथी रामानंद शर्मा उर्फ रमेश झा, सचिन तंवर उर्फ संदीप, अनुज यादव उर्फ कारण, हिमांशु, ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ़ बेलू सभी मृतक अमित कुमार के साथ फर्जी तरीके से लोन दिलाने का काम करते थे। उन्होंने बताया कि वह आधार कार्ड में रेंट एग्रीमेंट के आधार पर फर्जी तरीके से नाम, मोबाइल नंबर व पता बदलवा कर मृतक अमित कुमार की कंपनी में मैंफर्स फैसन प्राइवेट लिमिटेड की पे स्लिप के आधार पर उसका लोन करवा देते थे। इस लोन में मदद करने के लिए मृतक अमित कुमार सिंह की पत्नी जो कनॉट प्लेस में एचडीएफसी बैंक में अधिकारी के रूप में तैनात थी वह है उनकी मदद करती थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को पहले जेल भेज दिया वही दो आरोपियों को आज जेल भेज दिया है। इसके साथ ही अमित कुमार सिंह की हत्या में शामिल एक आरोपी और फर्जी लोन करानेके शामिल उसकी पत्नी अभी फरार है जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
आरोपियों के पास से यह सामान हुआ बरामद
दादरी पुलिस ने आरोपियों के पास से 206 डेबिट-क्रेडिट कार्ड अलग-अलग बैंकों के, 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चेक बुक, 35 प्लास्टिक के फोल्डर किट, 6 पेटीएम स्वाइप मशीन, 30 मोबाइल एंड्राइड दो छोटे की पैड मोबाइल विभिन्न कंपनी के व एक टाटा हैरियर कार बरामद की है।