फरासू हनुमान मंदिर के पास बांध परियोजना की झील से सटे ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का 50 मीटर से अधिक हिस्सा पानी के कटाव के कारण ध्वस्त हो गया है। हालांकि एनएच पर वाहनों की आवाजाही सुचारू है, लेकिन यहां पर मार्ग संकरा हो गया है। यदि सुरक्षा के समय पर ठोस उपाय नहीं हुए तो एनएच को और नुकसान पहुंचने की संभावनाएं हैं।
फरासू हनुमान मंदिर के पास बृहस्पतिवार को सायं करीब चार बजे अचानक हाईवे का करीब 50 मी से अधिक हिस्सा श्रीनगर परियोजना की झील में समा गया। इसी के पास खिर्सू ब्लॉक के करीब 108 गांवों को पेयजल आपूर्ति करने के लिए बनाई गई ढिकवालगांव पपिंग पेयजल योजना के इंटेक वेल से आने वाली आठ इंच की पेयजल लाइन भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।
जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इस लाइन को ठीक करने में करीब 10 से 12 दिनों का समय लग जाएगा। उन्होंने कहा कि तब तक इन गांवों के लिए पूर्व में बनाई गई वैकल्पिक ग्रेविटी योजना की लाइन से पेयजल की आपूर्ति कराई जाएगी। हालांकि ग्रेविटी योजना से भी इन गांवों के लोगों को आंशिक जलापूर्ति हो सकेगी।
इधर, एनएच लोनिवि श्रीनगर के अधिकारियों ने बताया कि एनएच का जो हिस्सा ध्वस्त हुआ है उसका निरीक्षण किया जा रहा है। कहा अलकनंदा नदी में झील के पानी से हुए कटाव के कारण यह स्थिति बनी है। एनएच को और नुकसान न हो इसके लिए ठोस व्यवस्था की जा रही है।
फरासू हनुमान मंदिर के समीप एनएच के एक हिस्से के ध्वस्त होने से ढिकवालगांव पंपिग पेयजल योजना की करीब 150 मी. लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इसको बनाने में करीब 10 से 12 दिनों का समय लग जाएगा। वैकल्पिक तौर पर ग्रेविटी पेयजल योजना से गांवों में आंशिक रूप से पेयजल आपूर्ति हो सकेगी।
– सोहन जेठुड़ी, सहायक अभियंता, जल संस्थान पौड़ी।
फरासू हनुमान मंदिर के पास एनएच का करीब 50 मी से अधिक हिस्सा अचानक ध्वस्त हो गया है। जिससे यहां पर मार्ग संकरी स्थिति में आ गया है। मार्ग को पानी के कटाव से और नुकसान न हो इसके लिए ठोस उपाय किया जाएगा।
– ग्रविता पांडेय, सहायक अभियंता, एनएच लोनिवि श्रीनगर।