Aaj Ka Panchang 18 November 2024 In Hindi: मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा। इसके साथ ही राहुकाल का समय प्रातःकाल 7:30 बजे से 09 बजे तक रहेगा। राहुकाल के समय में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। आज के दिन पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचें। इस दिशा में दिशा शूल रहेगा। आइए जानें अब आज का पूरा पंचांग।
Aaj Ka Panchang 18 November 2024 In Hindi (आज का पंचांग 18 नवंबर 2024)संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-मार्गशीर्ष ,कृष्ण पक्ष,पर्व -तृतीया व्रत
तिथि- तृतीया
दिवस -सोमवार
सूर्योदय-06:45am
सूर्यास्त-05:27 pm
नक्षत्र-मृगशिरा 03:50pm तक फिर आद्रा
चन्द्र राशि -मिथुन स्वामी ग्रह -बुध
सूर्य राशि-वृश्चिक,स्वामी- मङ्गल
करण- वणिज08am तक फिर विष्टि
योग- सिद्ध 05:23pm तक फिर साध्य
शुभ मुहूर्त अभिजीत-11:55 am से 12:34 pm तक
2विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:23pm तक
3गोधुली मुहूर्त-06:23pm से 07:25pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:03m से 05:07am तक
5अमृत काल-06:06am से 07:42am तक
6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:42से 12:21तक रात
संध्या पूजन-06:20 pm से 07:07pm तक
दिशा शूल-पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्तराहुकाल-प्रातःकाल 7:30 बजे से 09 बजे तक रहेगा
क्या करें-आज पवित्र मार्गशीर्ष माह की तृतीया तिथि है। आज शिव उपासना करें।शिव पुराण का पाठ करें। भगवान कृष्ण ने गीता में इस माह को सर्वश्रेष्ठ कहा है। सोमवार व्रत करने व पुण्य करने से भगवान भोले नाथ की कृपा प्राप्त होती है। माता दुर्गा जी की पूजा करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें । सात अन्न के दान का बहुत महत्व होता है। मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु के राम व कृष्ण रूप दोनों रूप की पूजा बहुत ही श्रद्धा से होती है। महामृत्युंजय महामंत्र का जप करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का 09 पाठ धन,धान्य ,आरोग्यता व समृद्धि के लिए कर सकते हैं।सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का जप करें। घर पर पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक कर सकते हैं। भगवान शिव के नाम का जप करने से पाप नष्ट होते हैं। शिवालय जाएं व जलाभिषेक करें इससे आपका प्रगति मार्ग प्रशस्त होता है व भगवान भोलेनाथ जी की अनन्य भक्ति व आत्मशक्ति प्राप्त होती है। आज सिद्धिकुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। मार्गशीर्ष माह में किसी पवित्र नदी में स्नान कर दान पुण्य करें। कम्बल व ऊनी वस्त्रों का दान करें।