नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले रेसलर बजरंग पुनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था। नाडा ने पहले भी 23 अप्रैल को इसी चीज के लिए बजरंग पुनिया को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी, यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था। इस निलंबन का मतलब है कि उन्हें प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी और न ही उन्हें विदेश में कोचिंग करने की अनुमति होगी।
बजरंग पूनिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ चुनौती दायर की थी
बजरंग ने शुरुआती अस्थायी निलंबन का विरोध किया, और 31 मई को नाडा की अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (एडीडीपी) ने फॉर्मल नोटिस जारी होने तक निलंबन को अस्थायी रूप से हटा दिया। 23 जून को, नाडा ने उन्हें आरोपों की औपचारिक सूचना दी। इसके जवाब में, बजरंग जो साथी पहलवान विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ गए थे उन्होंने 11 जुलाई को आरोपों के खिलाफ चुनौती दायर की। इसके बाद, 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई।
एडीडीपी ने अपने आदेश में बजरंग को लेकर क्या कहा?
एडीडीपी ने अपना आदेश देते हुए कहा- बजरंग अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंधों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके परिणामस्वरूप चार साल के लिए उन्हें बैन कर दिया गया है। इसके चलते वह विदेश में कोचिंग भी नहीं दे पाएंगे। ऑर्डर में आगे कहा गया, ‘वर्तमान मामले में, चूंकि एथलीट को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, इसलिए पैनल मानता है कि एथलीट की 4 साल की अवधि के लिए उसकी अयोग्यता की अवधि उस तारीख से शुरू होगी जिस दिन अधिसूचना भेजी गई थी, यानी 23.04.2024।’