ग्रेटर नोएडा। प्रेम मंदिर वृंदावन के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज (Jagadguru Kripalu Maharaj) की बेटियों के काफिले को टक्कर मारने के मामले की जांच में पुलिस को अहम साक्ष्य मिले हैं। जेवर टोल (Jewar Toll) पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के अनुसार कैंटर कृपालु महाराज की बेटियों के काफिले से पहले निकला था। बस को ओवरटेक करने में कैंटर से हादसा हुआ है। फिलहाल अभी आगे की जांच जारी है।
दनकौर पुलिस के अनुसार, हादसे की जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में सामने आया कि फिरोजाबाद निवासी आरोपी कैंटर चालक सोनू यादव व परिचालक बब्लू उर्फ उपेंद्र कुमार एक बस को ओवरटेक करने का प्रयास कर रहे थे।
आगरा से यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ा था कैंटर
इसी दौरान उसके वाहन का संतुलन बिगड़ा था। तेज रफ्तार कैंटर बेकाबू होकर टोयोटा इनोवा हायक्रॉस को टक्कर मारने के बाद टोयोटा कैमरी कार पर चढ़ गया था। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी कैंटर से आगरा से यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर चढ़ा।
एक्सप्रेस-वे पर कैंटर की रफ्तार की जांच
यमुना एक्सप्रेस-वे पर जेवर टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरा में कैंटर पहले टोल पार करते दिखा, जबकि कृपालु महाराज की बेटियों के काफिले ने बाद में टोल पार किया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी टोल पार करने के बाद किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा थे।
तो काफिले से कैसे पीछे रह गया कैंटर
जेवर टोल से आगे निकलने के बाद काफिले से पीछे कब और क्यों हो गया? इसके पीछे पुलिस काफिले में शामिल कारों की रफ्तार अधिक व कैंटर की धीमी मान रही है। फिलहाल जांच अभी चल रही है।
हादसे में एक की मौत, सात हुए घायल
बता दें कि शनिवार रात यमुना एक्सप्रेस-वे पर दनकौर थाना क्षेत्र में कृपालु महाराज की बेटियों के काफिले को कैंटर ने टक्कर मार दिया था। उसमें उनकी बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। दोनों छोटी बेटियां डॉ. श्यामा त्रिपाठी व कृष्णा त्रिपाठी सहित सात अन्य लोग घायल हो गए।