ग्रेटर नोएडा संचार नाउ। स्किल डेवलपमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए ठगी करने वाले गिरोह का बिसरख पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस दौरान पुलिस ने एक महिला सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 146 अप्रूवल लेटर और 8 लाख 19 हजार की पेमेंट की स्लिप भी बरामद की है।
दरअसल, आरोपियों ने (Rising India IQ Academy Pvt. Ltd.) के नाम से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोचिंग सेंटर बनाया और फिर पढ़ने वाले 5 साल से 15 वर्ष तक के बच्चों को स्किल डेवलपमेंट का कोर्स करने का झांसा दिया। आरोपियों ने स्किल डेवलपमेंट के कोर्स करने के तीन अलग-अलग प्लान बनाएं। जिसमे सिल्वर, गोल्ड और प्लैटिनम कोर्स के नाम पर अभिभावकों से धोखाधड़ी की और पैसे लेकर फरार हो गए। धोखाधड़ी का शिकार हुए अभिभावकों ने बिसरख पुलिस से मामले की शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू की।
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपियों के गिरोह ने फर्जी को कॉल सेंटर खोला। इसके बाद स्किल डेवलपमेंट के नाम पर यह गिरोह छात्रों से सिल्वर प्लान के नाम पर ₹25000, गोल्ड प्लान के नाम पर 35000 रुपए और प्लैटिनम प्लान के नाम पर ₹50000 वसूलते थे। शुरुआती दौर में बच्चों को लुभाने के लिए क्लासेस भी दी जाती थी। कोचिंग सेंटर और फेसबुक पेज के माध्यम से छात्रों को जालसाजी में आरोपियों के द्वारा फसाया जाता था। मोटा पैसा लेने के बाद यह लोग कोचिंग सेंटर को बंद कर फरार हो गए थे। इस दौरान पुलिस ने गिरोह के इन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनकी पहचान मूल रूप से बिहार निवासी नीरज कुमार, श्वेता व जिला बागपत निवासी मोहम्मद आरिफ के रूप में हुई है जो वर्तमान में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पाम ओलंपिया सोसाइटी में रहता है। इसके साथ ही जिला झारखंड के मूल निवासी आरोपी कंचन कुमार सिंह वर्तमान में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इको विलेज सोसायटी में रहता है।
आरोपियों ने अपनी अकादमी का फेसबुक पर पेज बनाया। इसके बाद फेसबुक पेज अभिभावकों को दिखाकर एडमिशन लेने के लिए लुभावने वादे किए। लेकिन गुणवत्ता पूर्ण कंटेंट/मांग के अनुरूप कोर्स ने दिए जाने पर अभिभावक को संतुष्ट नहीं कर पाए। इसके बाद पर्याप्त मात्रा में बच्चों के एडमिशन कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा ले लिए गए और मांग के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण क्लासेस नहीं दी गई। तब अभिभावकों को ऑनलाइन क्लासेस देने का आश्वासन दिया गया और बताया गया की 7 दिन में हम दोबारा से ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर देंगे। लेकिन आरोपियों के द्वारा ऑफलाइन क्लास से शुरू नहीं की गई। जब अभिभावकों ने रिफंड मांगा तब सभी आरोपी रातों-रात वहां से फरार हो गए।
आरोपियों ने पहले भी दिल्ली में सुरु की थी एकेडमी
इस गिरोह में शामिल आरोपी नीरज ने पुलिस को पूछताछ में बताया की 2015 में उसके द्वारा बी फार्मा का कोर्स किया गया। इससे पहले बीपीओ में काम किया और आर ए किड्स ब्रेन डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को अपने साथियों के साथ जगतपुरी दिल्ली में खोला। लेकिन इस दौरान कोरोना आ गया और तब अचानक से उनकी एकेडमी बंद हो गई। उसके बाद आरोपी के द्वारा टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी में नौकरी की और जब कुछ पैसा इकट्ठा हो गया तो उसने राइजिंग इंडिया आईक्यू अकैडमी अपने साथी डायरेक्टर रूपेश के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शुरू की। इनके साथ आरोपी श्वेता ने शिक्षा में बीकॉम की पढ़ाई की और इस कंपनी में काउंसलर के पद पर कार्य कर अभिभावकों को और छात्रों को लुभाने का काम करती थी। वहीं आरोपी कंचन सिंह के द्वारा पुलिस को बताया गया कि उसने बीकॉम तक पढ़ाई की है और इस कंपनी में सीओ फाउंडर मेंबर के पद पर वह कार्य कर रहा है। वही आरिफ मोहम्मद इस कंपनी में इन्वेस्टर फाउंडर मेंबर है। इस कंपनी में सभी की हिस्सेदारी थी और कंपनी में होने वाले प्रॉफिट में सभी को लाभ मिलता था।