स्वच्छता अभियान के शुरू होने के बाद से ही पूरे देश में तमाम सवच्छता से संबंधित व्यवस्थाएं की जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत की थी. इस अभियान का असर अब शहरों से लेकर गांवों तक दिखाई देने लगा है. इसी अभियान की प्रगति को समझने और जांचने के लिए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कन्नौज में एक अनोखी पहल की.
मंत्री असीम अरुण ने अपनी पहचान छिपाकर, मास्क लगाकर सफाईकर्मियों के साथ कूड़ा गाड़ी में बैठकर कन्नौज शहर के विभिन्न मोहल्लों का दौरा किया. उन्होंने सुबह की शिफ्ट में इन कर्मचारियों की मेहनत, दिनचर्या और समस्याओं को नजदीक से देखा और समझा. इस दौरे का उद्देश्य था यह जानना था कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था कितनी प्रभावी है और कहां सुधार की जरूरत है.
जापानी गेंबा वॉक से प्रेरणा
मंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने एक्सपीरियंस को शेयर किया है, उन्होंने पोस्ट में जापान की गेंबा वॉक का जिक्र किया, जिसमें मैनेजर और अधिकारी फ्लोर पर जाकर कर्मचारियों के साथ उनका कामकाज समझते हैं. उन्होंने लिखा कि पुलिस सेवा में भी उन्होंने कई बार ऐसा किया है और पाया है कि सिर्फ दो घंटे की ज़मीनी समझ कई दिनों के प्रशिक्षण से ज़्यादा असरदार होती है.
असीम अरुण ने बताया कि उन्होंने सफाई कर्मचारियों, गौतम जी और विकास जी के साथ पहचान छिपाकर मोहल्लों का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने चार पन्नों के नोट्स भी बनाए. उन्होंने बताया कि इस अनुभव से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला, जिसे वे आगे विभाग में सुधार के लिए इस्तेमाल करेंगे.
जनता से मांगे सुझाव
असीम अरुण ने लोगों से अपील की कि वे भी अपने एक्सपीरियंस और सजेशन्स को शेयर करें ताकि सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि स्वच्छता सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है. अगर जनता सहयोग करे, तो शहर को साफ और स्वस्थ बनाना आसान हो जाएगा. इस पहल की लोग सोशल मीडिया पर जमकर सराहना कर रहे हैं.