टनकपुर। पांच वर्ष के विराम बाद फिर शुरू हुई कैलास मानसरोवर यात्रा 2025 का 45 सदस्यीय पहला दल शुक्रवार शाम टनकपुर पहुंच गया। पारंपरिक रंग्वाली पिछौड़ा पहने महिलाओं ने तिलक व आरती से यात्रियों का स्वागत किया। ढोल-दमाऊ की थाप व मशकबीन की धुन पर छलिया दल नृत्य कर आंचलिक छटा बिखेरी।
यात्रियों के पहुंचते ही परिसर बम बम भोले व हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। शनिवार सुबह सीएम पुष्कर धामी हरी झंडी दिखाकर दल को अगले पड़ाव के लिए रवाना करेंगे। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के पर्यटक आवास गृह पहुंचने पर यात्रियों को बुरांश का जूस दिया गया। भोजन में आलू के गुटके, भट की चुड़कानी, झंगोरे की खीर परोसी गई। दल का नेतृत्व आइटीबीपी के आइजी संजय सिंह गुंज्याल कर रहे हैं।
गुंज्याल उत्तराखंड के सीमांत गूंजी गांव निवासी हैं। पहले दल में 32 पुरुष व 13 महिला यात्री शामिल हैं। गुंज्याल के अलावा नैनीताल जिले के रहने वाले संजीव कुमार आर्या उत्तराखंड के दूसरे यात्री हैं। अहमदाबाद की 25 वर्षीय सौम्या वसंतभाई पटेल सबसे युवा व जयपुर निवासी 69 वर्षीय राजेश कुमार नागपाल सबसे बुजुर्ग यात्री हैं।
गुजरात के 11, दिल्ली के सात, राजस्थान के छह, महाराष्ट्र पांच, उत्तर प्रदेश के चार, मध्य प्रदेश के तीन, जम्मू कश्मीर व तमिलनाडु के दो-दो, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ के एक-एक यात्री दल में शामिल हैं। केएमवीएन एमडी विनीत तोमर, डीएम चंपावत मनीष कुमार, एसपी अजय गणपति ने यात्रियों का स्वागत किया।
10 जुलाई को तिब्बत पहुंचेगा दल
- यात्रा में 22 दिन का समय लगेगा।
- शुरुआती चार दिन दिल्ली में रहकर स्वास्थ्य परीक्षण व दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया होती है।
- पांचवें दिन दिल्ली से 330 किमी चलकर टनकपुर पहुंचे यात्री धारचूला, गुंजी, नाभीढांग होते हुए 10 जुलाई को तिब्बत के तकलाकोट पहुंचेंगे।
- एक-एक दिन गुंजी व तकलाकोट में आराम करेंगे।
- वापसी में पिथौरागढ़ के बूंदी, चौकोड़ी होते हुए अल्मोड़ा, भीमताल से दिल्ली पहुंचेंगे।
- पहला दल 21 जुलाई को यात्रा पूरी करेगा।
- चार अगस्त को रवाना होने वाला अंतिम (पांचवां) दल 25 अगस्त को दिल्ली लौटेगा।