अलीगढ़ में खैर के गांव पला जरारा में 19 वर्ष पहले कल्लू नाम के युवक की हत्या कर पड़ोसियों के फंसाने के मामले में दो दोषियों मान सिंह व खूबी सिंह को उम्रकैद से दंडित किया है। साथ में 51-51 हजार रुपये अर्थदंड से भी तय किया है। यह निर्णय एडीजे-3 प्रतिभा सक्सेना की अदालत ने सुनाया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना 28 जनवरी 2006 की है। घटना वाले दिन पहला मुकदमा मान सिंह ने अपने पड़ोसी तीन भाइयों यादराम, पोप सिंह व विजयपाल के अलावा उनके साथी राजपाल पर दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया कि सुबह आठ बजे पड़ोसी राजपाल से गंदगी के विवाद में झगड़ा हुआ था। तभी राजपाल के साथी लाठी, डंडा व बंदूक लेकर मारपीट करते हुए हमलावर हो गए। इस बीच मोहल्ले के दो युवक कल्लू व रिंकू शोरशराबे पर वहां आ गए। नामजद पोप सिंह ने बंदूक से वादी पर फायर किया। छर्रा लगने से घायल हुए कल्लू (22) की मेडिकल कॉलेज ले मौत हो गई। पुलिस ने मान सिंह की तहरीर पर झगड़ा व हमले का यह मुकदमा दर्ज कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने वही मुकदमा हत्या में तरमीम कर लिया।विज्ञापन
इधर, पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार के बाद कल्लू के पिता रामेश्वर ने पुलिस को यह तहरीर दी कि उसके बेटे की हत्या खुद मान सिंह व उसके साथी खूबी सिंह, नेपाल सिंह व रामेश्वर ने की है लेकिन पुलिस ने इस तर्क के साथ मुकदमा दर्ज नहीं किया कि एक घटना में दो मुकदमे नहीं हो सकते। वह अदालत गया। बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर 13 अप्रैल 2008 को कल्लू के पिता की तहरीर पर मान सिंह, खूबी, नेपाल व रामेश्वर पर हत्या का दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों मुकदमों की चार्जशीट न्यायालय में पेश की गईं। दोनों मुकदमों का एक साथ ट्रायल चला। न्यायालय में सत्र परीक्षण व गवाही के बीच नेपाल सिंह व रामेश्वर सिंह की मृत्यु हो गई।
जो हत्या में जेल गए, उन्हें मिली जमानत
अभियोजन अधिवक्ता और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार मान सिंह की ओर से जिन चारों यादराम, पोप सिंह, विजयपाल व राजपाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्हें अदालत ने झगड़ा, मारपीट का दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष की सजा से दंडित कर जमानत पर रिहा कर दिया है। इस मुकदमे में पुलिस व अभियोजन पक्ष की ओर से घायल रिंकू, आईओ तत्कालीन निरीक्षक सुभाष चंद्र त्यागी, मेडिकल परीक्षण करने वाले चिकित्सक नसीम, पीएम करने वाले चिकित्सक संजय सिंघल, पीएम के गवाह वीरम सिंह, मृत कल्लू के पिता, मां व भाई की गवाही कराई गई।
जिसके आधार पर साबित हुआ कि घटना के समय गोली खूबी व मान सिंह ने तमंचों से चलाई थी। अदालत में ट्रायल के समय साबित हुआ कि खूबी सिंह के बेटे का किसी बात पर कल्लू से विवाद हुआ था। घटना वाले दिन झगड़े के बीच उसकी हत्या की गई।