बागपत में यमुना नदी में गेल इंडिया की सीएनजी गैस पाइपलाइन फट गई। नदी में पानी की लहरें 20 फीट ऊपर तक उठती देखी गईं। गैस के प्रेशर से इतनी तेज धमाका हुआ कि पूरा गांव गूंज उठा। खेतों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़ते हुए नदी किनारे मौके पर पहुंचे। घटना शनिवार दोपहर करीब 12 बजे मवीकला-काठा गांव की है।
यह गैस पाइपलाइन हरियाणा और बागपत के बीच बिछी हुई है। गांव वालों से मिली सूचना पर छपरौली पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। सबसे पहले गैस की सप्लाई को बंद कराया। इसके कुछ देर बाद नदी का पानी शांत हो गया। करीब 15 से 20 मिनट तक नदी के पानी में गैस का रिसाव हुआ।
एसडीएम खेकड़ा निकेत कुमार ने बताया- यमुना नदी के बहाव में पत्थरों के टकराने से गैस पाइपलाइन में रिसाव हुआ था। अब स्थिति नियंत्रण में है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। गैस पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य चल रहा है। जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा।
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गैस पाइपलाइन फटने से ब्लास्ट की गूंज सुनाई दी मवीकला-काठा गांव के किसान संदीप और महेंद्र ने बताया, हम खेतों में काम कर रहे थे, तभी पानी से तेज आवाज आई। पहले लगा कि कोई बड़ा मगरमच्छ है। लेकिन जैसे ही बुलबुले और गैस की बदबू आई तो हम लोग समझ गए कि पाइपलाइन में ब्लास्ट हुआ है। ब्लास्ट जैसी तेज आवाज सुनते ही गांव के लोग घरों से बाहर निकल आए। हमने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने गैस की सप्लाई बंद करवाई।
ग्रामीण देवेंद्र धामा ने बताया- धमाका इतना तेज था कि आवाज पूरे गांव में सुनाई दी। जब हम यमुना की तरफ पहुंचे तो दी से ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही थी। बड़ी घटना होने से बाल-बाल बची है। अगर यही पाइपलाइन आबादी में या जंगल में फटती तो बड़ा हादसा हो जाता। यमुना में जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में भी गैस पाइपलाइन का फटना स्थानीय लोगों के लिए बड़ा खतरा है।
गैस कंपनी के अधिकारियों को समय-समय पर पाइपलाइन की जांच करवानी चाहिए। इनके पास अपने कंट्रोलर होंगे। गैस पाइपलाइन में रिसाव पर इसकी सप्लाई तुरंत ही रोकनी चाहिए थी। यमुना नदी के आसपास किसानों के खेत हैं। यहां लोग पशुओं को भी चराने के लिए आते हैं।
देवेंद्र धामा ने कहा कि अभी तीन से चार दिन पहले यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए रुके हुए थे। अगर ऐसे में हादसा होता तो उनके लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता था।
पाइपलाइन फटने की जांच में जुटी टीम अधिकारियों के अनुसार, हादसे में किसी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई है। टेक्निकल टीम को बुलाकर पाइपलाइन की जांच कराई जा रही है। लगभग 24 घंटे में मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मुना नदी के तल से करीब 15 से 20 फीट नीचे से गैस पाइपलाइन गुजर रही है।
ग्रामीणों के मुताबिक अगर गैस रिसाव के वक्त किसी ने माचिस या बीड़ी जला दी होती। तो यमुना खादर के आसपास दो से तीन गांवों तक आग फैल सकती थी। इतना बड़ा विस्फोट होता कि खेतों में काम कर रहे मजदूरों और पशुओं को जान बचाना मुश्किल हो जाता। दरअसल, जिस जगह पाइपलाइन फटी, वहां से कुछ ही दूरी पर कई किसानों की झोपड़ियां और पंपसेट लगे हैं। इससे पहले जुलाई 2023 में IGL कंपनी की गैस पाइपलाइन यमुना नदी में फटी थी। जो बागपत के जागोश गांव के पास है।