नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है. पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) ने नोएडा सेक्टर-142 से लेकर सेक्टर-38ए स्थित बॉटेनिकल गार्डन तक नई मेट्रो लाइन चलाने की मंजूरी दे दी है. यह रूट नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन का एक्सटेंशन होगा. इस नई लाइन पर कुल आठ स्टेशन बनाए जाएंगे. अब इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा.
नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) के अधिकारियों के अनुसार, एनएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. लोकेश एम ने 30 जुलाई को खुद पीआईबी बोर्ड के सामने इस प्रस्ताव का प्रेजेंटेशन दिया था. बैठक में बताया गया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे तेजी से विकसित हो रहा है. यहां बड़ी-बड़ी कंपनियां आ रही हैं और नए-नए आवासीय प्रोजेक्ट बन चुके हैं. ऐसे में लोगों के लिए एक भरोसेमंद और तेज परिवहन साधन जरूरी है. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस मेट्रो रूट का प्रस्ताव रखा गया था.
फिलहाल एनएमआरसी सेक्टर-51 से लेकर ग्रेटर नोएडा डिपो तक एक्वा लाइन मेट्रो का संचालन कर रहा है. लेकिन इस लाइन का कनेक्शन दिल्ली मेट्रो से सीधे नहीं है. लोग सेक्टर-51 से ब्लू लाइन पकड़ने के लिए सेक्टर-52 तक पैदल पुल या अन्य साधनों से जाते हैं. इस वजह से यात्रियों को दिक्कत होती है. अब सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो चलने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा और दिल्ली का सीधा मेट्रो कनेक्शन हो जाएगा.
11.56 किलोमीटर लंबी होगी नईमेट्रोलाइन
अधिकारियों के मुताबिक, नई मेट्रो लाइन 11.56 किलोमीटर लंबी होगी और यह पूरी तरह एलिवेटेड (ऊपर बनी हुई) होगी. इसमें आठ स्टेशन होंगे. इनमें बॉटेनिकल गार्डन और सेक्टर-44 जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं जबकि बाकी छह स्टेशन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाएंगे. इससे एक्सप्रेसवे पर रहने वाले हजारों परिवारों को फायदा होगा.
ग्रेटरनोएडा के लोगों को दिल्ली आने-जाने में होगी आसानी
बॉटेनिकल गार्डन पहले से ही ब्लू और मैजेंटा लाइन का बड़ा इंटरचेंज स्टेशन है. यहां से सीधे दिल्ली के कई हिस्सों, खासकर साउथ दिल्ली और नोएडा सिटी सेंटर तक कनेक्टिविटी है. नए रूट के जुड़ने से ग्रेटर नोएडा के लोगों को दिल्ली आने-जाने में काफी आसानी होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो की यह सुविधा केवल यात्रियों की सुविधा ही नहीं बढ़ाएगी, बल्कि इस पूरे क्षेत्र में रियल एस्टेट और कारोबारी गतिविधियों को भी नई रफ्तार देगी.
जल्द शुरू किया जा सकता है इसका निर्माण
सरकार और एनएमआरसी का मानना है कि आने वाले वर्षों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा को आईटी हब और बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. ऐसे में मेट्रो जैसी तेज रफ्तार और सस्ती सार्वजनिक परिवहन सेवा वहां की सबसे बड़ी जरूरत है. अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जा सकता है. इस रूट के शुरू होने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर रहने वाले लोगों के लिए दिल्ली आना-जाना पहले से ज्यादा आसान और सुरक्षित हो जाएगा.