संचार नाउ। एच.आई.एम.टी. कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, ग्रेटर नोएडा में दो दिवसीय International Conference on Integrating Research & Industry in Pharmaceutical & Allied Sciences (ICIRIPAS-2025) का शुभारंभ आज उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर चेयरमैन एच.एस. बंसल, समूह सचिव अनिल कुमार बंसल, संयुक्त सचिव अनमोल बंसल, ग्रुप डायरेक्टर डॉ. सुधीर कुमार, प्राचार्य डॉ. अनुज मित्तल तथा आयोजन सचिव डॉ. विनोद गहलोत मौजूद रहे।

मुख्य अतिथि प्रो. एम.एस.एम. रावत (नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अरुणाचल प्रदेश) ने शोध और उद्योग के बीच सहयोग को फार्मा गुणवत्ता सुधार की आधारशिला बताया। वहीं, मुख्य वक्ता अरविंद कुमार शर्मा (आई.पी.सी., गाज़ियाबाद) ने दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में भारतीय फार्माकोपिया आयोग की भूमिका विषय पर विशेष व्याख्यान दिया।
वैश्विक विशेषज्ञों ने विचार की साझा
सम्मेलन के पहले दिन का थीम एकेडेमिक-इंडस्ट्री सहयोग एवं फ़ार्मास्यूटिकल साइंसेज़ में वैश्विक रुझान रहा। जिसमे डॉ. कमल दुआ (यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, सिडनी) ने शोध लेखन की स्पष्टता और संरचना पर प्रकाश डाला। आदर्श मेहता (बेलारूस, मोल्दोवा) ने स्वास्थ्य प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर विचार रखे और डॉ. धर्मेन्द्र आहूजा (ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर) ने प्रीक्लिनिकल फार्माकोलॉजी में ए.आई. अनुप्रयोग पर व्याख्यान दिया।
पोस्टर और पैनल पर हुई चर्चा
दिनभर चले सत्रों में शोधार्थियों ने पोस्टर और मौखिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी शोध गतिविधियाँ साझा कीं। दिन का समापन पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने फार्मेसी शिक्षा और अनुसंधान में उद्योग की भूमिका को और सशक्त बनाने पर जोर दिया।
सम्मेलन का उद्देश्य और सहयोग
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच सेतु निर्माण कर भारत को वैश्विक फार्मा क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। आयोजन को सफल बनाने में आयोजन सचिव डॉ. विनोद गहलोत, सह आयोजन सचिव डॉ. सीमा एवं डॉ. प्रीति कुनियाल का विशेष योगदान रहा।
 
			 
                                 
					

 
                                 
                                









