यूपी में आउटसोर्सिंग नौकरियों में आवेदनों में अगर आवेदक स्थानीय निवासी होगा और उसके पास तय योग्यता के अतिरिक्त योग्यता होगी तो उसके चयन के अवसर बढ़ जाएंगे। सचिवालय प्रशसन विभाग ने शुक्रवार को यूपी आउटसोर्स निगम के गठन के कार्यकारी आदेश जारी कर दिए हैं। निगम के गठन को कैबिनेट ने 2 सितंबर को मंजूरी दी थी। निगम एक नियामक निकाय के तौर पर काम करेगा और आउटसोर्सिंग एजेंसियों की निगरानी करेगा ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहें। निगम सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों को समय से तनख्वाह मिले, उनका ईपीएफ खाता खुले और बीमा का भी लाभ मिले।
एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल से होगा। एजेंसियों के मार्फत आए अभ्यर्थियों में से चयन के लिए मापदंड तय किए गए हैं। इसके मुताबिक निर्धारित योग्यता के अतिरिक्त योग्यता रखने वाले को 25 अंक, विधवा, तलाकशुदा व परित्यक्ता को 10 अंक, लिखित परीक्षा में प्राप्तांक के लिए 50 अंक और स्थानीय निवासियों को 15 अंक दिए जाएंगे। इनके योग के आधार पर आवेदनों का चयन होगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि विधवा को पहली वरीयता, तलाकशुद को दूसरी और परित्यकता को तीसरी वरीयता दी जाएगी। व्यवस्था की गई है कि चयनित अभ्यर्थियों को निगम एक विशिष्ट कोड जारी करेगा। चयन में आरक्षण नियमों का भी पालन होगा। यूपी में तकरीबन 5 लाख आउटसोर्स कर्मचारी हैं।
निगम में होगा महानिदेशक, मुख्य सचिव होंगे अध्यक्ष
निगम का स्वरूप भी आदेश में तय कर दिया गया है। महानिदेशक इसके प्रशासनिक मुखिया होंगे। निदेशक मंडल का अध्ययक्ष मुख्य सचिव को बनाया गया है, जबकि महानिदेशक सचिव होंगे। निदेशक मंडल में सचिवालय प्रशासन, वित्त, कार्मिक, न्याय और श्रम विभाग के प्रशासनिक मुखिया होंगे। निगम में मय मय महानिदेशक 12 पद होंगे। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मॉनीटरिंग के लिए शासन, मंडल, जिला और स्थानीय स्तर पर कमेटी बनेगी। कर्मचारियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें न्यूनतम वेतन 20 हजार जबकि अधिकतम वेतन 40 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। कर्मचारियों को तनख्वाह 1 से 5 तारीख के बीच दी जाएगी। अनुबंध तीन साल के लिए होगा।