राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना के तहत उत्तराखंड ने श्रेणी-सी में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसमें राज्य को 100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

खनन मंत्रालय के पत्र के अनुसार राज्य खनन तत्परता सूचकांक (एसएमआरआई) केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है। जिसका उद्देश्य राज्य स्तर पर खनन क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करना है। इसमें राज्यों की तुलनात्मक समीक्षा के लिए उनकी खनिज संपदा के आधार पर तीन श्रेणियों में बंटा गया है। इसमें उत्तराखंड को श्रेणी-सी में रखा गया है।विज्ञापन
खनन मंत्रालय ने राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना के तहत सभी राज्यों से निर्धारित प्रारूप में कई जानकारी मांगी थी। इसमें खनन लॉटो के आवंटन के लिए ई-निविदा के तहत की गई कार्यवाही, आशय पत्र निर्गत करने, खनन योजना अनुमोदन, पर्यावरणीय अनुमति प्राप्त करना, खनन पट्टा स्वीकृति, राजस्व वृद्धि की जानकारी देना शामिल था। संबंधित कार्यों को तय समयावधि में निस्तारित करने के लिए सापेक्ष अंक निर्धारित किए गए थे। यह सूचना खनन मंत्रालय को भेजी गई।
एसएमआरआई के तहत ए श्रेणी में मध्य प्रदेश, बी श्रेणी में गोवा पहले नंबर पर रहे। सी श्रेणी में पंजाब, उत्तराखंड व त्रिपुरा रहे। संबंधित रैंक में उत्तराखंड के किए गए प्रदर्शन के आधार पर 100 करोड़ की प्रोत्साहन धनराशि केंद्र सरकार से प्राप्त होगी।
प्रदेश के राजस्व में खनन का अहम योगदान है। प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल, वैधानिक तरीके से खनन पर जोर दे रही है। हमने लगातार अवैध खनन पर लगाम कसने के साथ ही, कर चोरी पर भी सख्ती की है। केंद्र सरकार की खनन रैंकिंग में उल्लेखनीय प्रदर्शन इसका नतीजा है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री