उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब देश के सबसे सुरक्षित हवाई अड्डों में गिना जाएगा. यहां अब अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीक लगा दी गई है, जिससे बिना अनुमति किसी भी वाहन या व्यक्ति का अंदर प्रवेश करना लगभग नामुमकिन हो गया है. एयरपोर्ट प्रशासन ने क्रैश रेटेड बॉलार्ड सिस्टम को सक्रिय कर दिया है, जो किसी संदिग्ध वाहन को कुछ ही सेकंड में रोकने या नष्ट करने की क्षमता रखता है.

जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट के पूर्वी और पश्चिमी दोनों प्रवेश द्वारों पर यह हाईटेक सुरक्षा प्रणाली लगाई गई है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति या वाहन परिसर में दाखिल न हो पाए. यह पूरी व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुसार तैयार की गई है.
सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ (CISF) को दी गई है. फिलहाल 120 जवानों की तैनाती की गई है और एयरपोर्ट के शुरू होते ही यह संख्या बढ़ाकर 1047 जवानों तक कर दी जाएगी. ये जवान पूरे एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा पर नजर रखेंगे. इसके लिए 350 से ज्यादा CCTV कैमरे और AI तकनीक से लैस हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर लगातार नजर रखेंगे.
क्रैश रेटेड बॉलार्ड सिस्टम सड़क के नीचे लगे मजबूत लोहे के खंभों से बना होता है. जब कोई वाहन बिना अनुमति प्रवेश की कोशिश करता है तो सेंसर और एआई कैमरे तुरंत सक्रिय होकर वाहन की पहचान करते हैं और संदिग्ध पाए जाने पर जमीन के अंदर दबे खंभे पलभर में ऊपर उठ जाते हैं और वाहन को रोक देते हैं.
एयरपोर्ट के गेटों पर टायर किलर और बूम बैरियर
इसके अलावा एयरपोर्ट के गेटों पर टायर किलर और बूम बैरियर भी लगाए गए हैं. अगर कोई जबरन अंदर घुसने की कोशिश करता है तो ये सिस्टम तुरंत सक्रिय होकर वाहन के टायर को पंचर कर देते हैं. यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में होती है जिससे किसी भी हमले या घुसपैठ की कोशिश को पहले ही नाकाम किया जा सकता है
फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि यह सुरक्षा तंत्र रनवे से लगभग एक किलोमीटर पहले किसी भी खतरे को रोकने या निष्क्रिय करने में सक्षम सक्षम होगा. वहीं कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए टर्नस्टाइल सिस्टम भी लगाया गया है जो बिना वैध आईडी के किसी को प्रवेश नहीं करने देगा.
दिल्ली-एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है नोएडा एयरपोर्ट
गौरतलब है कि जेवर एयरपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है. यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा. आने वाले वर्षों में इसके तैयार होने से न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में भी बड़ा इजाफा होगा. स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस इस एयरपोर्ट में फेस रिकग्निशन एंट्री, ऑटोमेटेड बैग ड्रॉप, रीयल टाइम डेटा ट्रैकिंग और स्मार्ट कार्गो मैनेजमेंट सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं भी होंगी. यह एयरपोर्ट आने वाले समय में भारत की टेक्नोलॉजी आधारित सुरक्षा व्यवस्था का नया मॉडल बनेगा.