बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नाम वापसी के बाद अब उम्मीदवारों को लेकर भी तस्वीर साफ हो चुकी है. अब राजनीतिक दलों ने अपना पूरा फोकस चुनाव प्रचार पर कर दिया है. बिहार चुनाव के लिए प्रचार के मैदान में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अब अपने बड़े चेहरों को भी मैदान में उतार दिया है.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद अब एनडीए के सबसे बड़े चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रचार के मैदान में उतरने जा रहे हैं. इस रैली पर अब सभी की निगाहें लगी हुई हैं कि पीएम मोदी क्या कहेंगे?
पीएम मोदी आज समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम से बिहार चुनाव में अपने प्रचार अभियान का आगाज करेंगे. यह भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का गांव है. 1970 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को इस वर्ष नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. पीएम मोदी द्वारा बिहार चुनाव में एनडीए के प्रचार अभियान की शुरुआत कर्पूरी ठाकुर के गांव से करने के पीछे राजनीतिक रणनीति और प्रतीकात्मक महत्व जुड़ा है.
PM के कैम्पेन की शुरुआत कर्पूरी ग्राम से क्यों?
कर्पूरी ठाकुर (1918-1988) बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे और प्रख्यात समाजवादी नेता थे. वह दलितों, पिछड़ों और अत्यंत पिछड़े वर्गों (EBC) के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष करने वाले ‘जननायक’ के रूप में जाने जाते हैं. पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण सहित उनकी नीतियों का राज्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. पीएम मोदी कर्पूरी ग्राम में कर्पूरी ठाकुर की स्मृति स्थल पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि देंगे, जो NDA की ओर से उनकी विरासत को अपनाने का संदेश देगा.
यह विपक्ष (महागठबंधन) पर निशाना साधने का भी तरीका है, जहां पीएम मोदी ने कहा है कि विपक्ष कर्पूरी ठाकुर की विरासत ‘चुराने’ की कोशिश कर रहा है. बिहार की जनसंख्या में EBC (अत्यंत पिछड़े वर्ग) करीब 30-35% हैं, जो 100 से अधिक छोटी जातियों का समूह है. कर्पूरी ठाकुर इन्हीं का सबसे बड़ा प्रतीक हैं. एनडीए इस वोट बैंक को मजबूत करने के लिए खुद को कर्पूरी ठाकुर की विरासत के असली वारिस के तौर पर पेश कर रहा है, खासकर JD(U) के नेतृत्व वाले नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में.
महागठबंधन भी EBC वोटों को साधने में जुटा
महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल, VIP समेत अन्य छोटे दल) भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) वोट बैंक को साधने के लिए बहुआयामी रणनीति अपना रहा है. यह वर्ग पारंपरिक रूप से एनडीए (खासकर जदयू) का मजबूत आधार रहा है, लेकिन महागठबंधन इसे मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण के साथ जोड़कर एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है. महागठबंधन VIP (विकासशील इंसान पार्टी) के मुकेश सहनी को गठबंधन में शामिल कर और उन्हें उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर निषाद-मल्लाह समुदाय (EBC का बड़ा हिस्सा) को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रहा है. पीएम मोदी का कर्पूरी ठाकुर के गांव से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करना, महागठबंधन की इस रणनीति को कुंद करने का प्रयास.
पीएम मोदी किन मुद्दों पर करेंगे विपक्ष पर वार?
पीएम मोदी समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम के बाद बेगूसराय में भी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. बिहार के चुनावी समर में उतरने जा रहे पीएम मोदी किन मुद्दों को लेकर विपक्ष पर वार करेंगे? इस पर नजर होगी. बिहार चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले भी सूबे में पीएम की कुछ रैलियां हुई थीं. इन रैलियों में पीएम मोदी ने विपक्ष को किन मुद्दों पर घेरा था, बात इसे लेकर भी हो रही है.
दिल्ली से बिहार चुनाव का टोन सेट किया
बिहार रवाना होने से पहले ही पीएम मोदी गुरुवार को दिल्ली से बिहार चुनाव का एजेंडा सेट करते नजर आए. उन्होंने वर्चुअली ‘बुजुर्गों से संवाद’ और ‘रन फॉर बिहार यूनिटी’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी के अभियान का टोन सेट कर दिया है, जिसमें विकास, विरासत और एकता पर स्पष्ट फोकस है.
पीएम मोदी ने आरजेडी के 15 साल के राज को निशाने पर लिया है, उससे जरिए साफ है कि लालू यादव के राज को टारगेट कर महागठबंधन को निशाने पर लेने की स्टैटेजी है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में जंगलराज को लोग अगले 100 साल तक नहीं भूलेंगे और विपक्ष अपनी करतूतों को छिपाने की कितनी भी कोशिश कर ले, जनता उसे माफ नहीं करेगी. पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिहार के सभी युवाओं से कहूंगा कि वे हर बूथ पर युवा मतदाता को इकट्ठा करें और उस क्षेत्र के बुजुर्गों को बुलाकर जंगल राज की पुरानी कहानियां सबको बताएं.
लालू राज की याद दिलाने का बीजेपी प्लान
पीएम मोदी ने 15 सितंबर को पूर्वी चंपारण में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जंगलराज के मुद्दे पर आरजेडी को कठघरे में खड़ा किया था. उन्होंने अपराध और भ्रष्टाचार के साथ ही आरजेडी पर परिवारवाद का आरोप भी लगाया. पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्ष ने बिहार को लूटा. एनडीए की सरकार ने इसे संवारने का काम किया. कांग्रेस ने भी बिहार को पिछड़ा रखा. पीएम ने 16 सितंबर को पूर्णिया में एक कार्यक्रम के दौरान आरजेडी की सरकार के समय अपराध और अराजकता के दौर की याद दिलाई.
उन्होंने विपक्ष पर विकास विरोधी नीति का आरोप लगाते हुए कहा था कि विपक्षी दलों की सरकारों ने बिहार को पिछड़ा रखा. पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि आरजेडी की सरकार में किसानों की उपेक्षा की गई. आरजेडी और कांग्रेस ने बिहार को बाढ़ और गरीबी में छोड़ा. हमने समाधान दिए. विपक्ष केवल वोट बैंक की राजनीति करता है. पीएम मोदी ने चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले की इन रैलियों में गैर एनडीए सरकारों पर हमले बोले और नीतीश कुमार सरकार, केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं.
पीएम मोदी ने 2 सितंबर को पटना में बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए अपनी मां के लिए अपशब्द कहे जाने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि अब मेरी मां का शरीर इस दुनिया में नहीं रहा, फिर भी आरजेडी और कांग्रेस के मंच से उनके लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया गया. यह सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं, देश की हर मां-बहन और बेटी का अपमान है. पीएम मोदी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना कहा कि शाही खानदानों के युवराज गरीब मां की तपस्या नहीं समझ सकते.













