स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा सर्वर का काम दूसरे पर स्थानांतरित कराए जाने की वजह से चार दिनों तक 8 से 11 नवंबर तक संपत्तियों की रजिस्ट्री का काम बंद रहेगा। 8 को दूसरे शनिवार और 9 को रविवार का अवकाश रहेगा। इसलिए दो दिन ही लोगों को परेशानी होगी। महानिरीक्षक निबंधक नेहा शर्मा ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर किया।

इसमें कहा गया है कि स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के लिए एनआईसी द्वारा संचालित मेघराज क्लाउड सर्वर को नेशनल गवर्नमेंट क्लाउट (एनजीसी) पर स्थानांतरित कराया जाना है। इसलिए 8 से 11 नवंबर तक सर्वर पर रख-रखाव और स्थानांतरण का काम किया जाएगा। इसके चलते इस अवधि में आमजन द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्री और अन्य आवेदनों के काम अस्थाई रूप से बाधित रहेगा। इसलिए उप निबंधक कार्यालयों में रजिस्ट्री का काम नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश
इसलिए इस अवधि में रजिस्ट्री न होने की जानकारी आम लोगों, अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को दी जाए। इसके लिए प्रचार-प्रसार का सहारा भी लिया जाए, जिससे किसी प्रकार से लोगों की असुविधा न हो। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी 10 व 11 नवंबर को अपने-अपने कार्यालयों में उपस्थित रहकर नियमित कार्यालय का काम करेंगे। जरूरत के आधार पर सर्वर टेस्टिंग संबंधी काम में सहयोग भी करेंगे।
निर्माण श्रमिकों को 15 तक कराना होगा लेबर कार्ड नवीनीकरण
वहीं उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कन्या विवाह सहायता योजना, मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना, सन्त रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना तथा अटल आवासीय विद्यालय योजना संचालित हैं। इन योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं निर्माण श्रमिकों को प्राप्त होगा, जो बोर्ड में विधिवत पंजीकृत हैं तथा जिनका पंजीयन नियमानुसार नवीनीकृत किया गया है। अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे श्रमिक, जिनका लेबर कार्ड या श्रमिक पंजीकरण कार्ड चार वर्ष या उससे अधिक समय से नवीनीकृत नहीं कराया गया है, उन्हें 15 नवंबर के उपरान्त निष्क्रिय सूची में सम्मिलित कर दिया जाएगा। निष्क्रिय सूची में सम्मिलित श्रमिकों की गणना पंजीकृत निर्माण श्रमिकों में नहीं की जाएगी और वे योजनाओं के पात्र नहीं रहेंगे।











