मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा की एंट्री हो गई। गुरुवार को दोपहर बाद धीरेंद्र शास्त्री लाखों श्रद्धालुओं के साथ मथुरा में प्रवेश किए। 7 नवंबर को दिल्ली से चली यह यात्रा 16 नवंबर को वृंदावन तक जाने वाली है। हालांकि, अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचते-पहुंचते विवादों में घिर गई। बुधवार को हरियाणा के होडल में यात्रा के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, लेकिन उन्होंने रुकने से इनकार कर दिया और यात्रा जारी रखी। धीरेंद्र शास्त्री ने मथुरा में प्रवेश करने के साथ ही हिंदुओं की एकता की बात करते हुए आक्रामक हो गए। उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट को आतंकवादी हमला बताते हुए कई विवादास्पद बयान दिए, जिनसे माहौल गरमा गया।

सनातन एकता यात्रा को बताया वैचारिक
मथुरा में सनातन यात्रा के प्रवेश के मौके पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि “हिंदू एकता और सांस्कृतिक जागरण” के लिए निकाली गई है। उन्होंने कहा कि यह एक वैचारिक यात्रा है, हिंदुओं की एकता की यात्रा है। हम देश में दंगा नहीं, गंगा चाहते हैं। हमें बम फोड़ने वाले नहीं, नारियल चढ़ाने वाले चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी विचारधारा के लोग इस यात्रा को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे समाज में एकता और सद्भावना नहीं चाहते।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं को जागना होगा, वरना वो दिन दूर नहीं जब हर गली में बम फूटेंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली विस्फोट को आतंकी हमला बताते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ राजधानी को नहीं बल्कि सनातन एकता की आवाज को डराने के लिए किया गया। हालांकि, उन्होंने इससे कोई फर्क न पड़ने की बात कही।
डॉ. मुल्ला न बनने की अपील
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि दिल्ली में किया गया हमला एक आतंकवादी हमला था। इस हमले के जरिए हमारी पदयात्रा को टारगेट करने की कोशिश की गई। वे चाहते हैं कि हिंदू डर जाएं और यात्रा छोड़ दें, लेकिन हम डरने वाले नहीं। दिल्ली ब्लास्ट के बाद एक विवादित टिप्पणी करते हुए शास्त्री ने कहा कि कुछ धार्मिक संस्थान बच्चों को कट्टरपंथ की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौलवी मदरसे में बच्चों को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनाएं, डॉ. मुल्ला नहीं, जो आतंकवाद में पकड़े गए।
धीरेंद्र शास्त्री ने चेतावनी दी कि अगर इस सोच में बदलाव नहीं आया तो पूरी कौम को परेशानी झेलनी पड़ेगी और देश में रहना मुश्किल हो जाएगा। धीरेंद्र शास्त्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने सीधे तौर पर मदरसा शिक्षा पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरों को काफिर कहने वालों की मजहबी सोच है। बच्चों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाना चाहिए, आतंकवाद का नहीं। मदरसे की तालीम को आतंकवादी वाली तालीम बनाना सबसे बड़ी गलती है।
शहीदों को समर्पित की यात्रा
बाबा बागेश्वर ने बुधवार की यात्रा को कारगिल के शहीद हेमराज के नाम समर्पित किया और कहा कि शहीदों को सिर्फ मंचों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उनके आदर्शों को जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत से ज्यादा इस देश के हिंदुओं की तबीयत खराब है। मेरी जान, मन, और स्वास्थ्य सब हिंदुत्व को समर्पित हैं। अगर जान भी चली जाए, तो भी यात्रा नहीं रुकेगी।
धीरेंद्र शास्त्री अब 16 नवंबर को वृंदावन में महा हिन्दू सम्मेलन में मथुरा का कलंक मिटाने के लिए सनातन एकता यात्रा 3.0 की घोषणा करेंगे। उनकी यात्रा में लाखों श्रद्धालु साथ चल रहे हैं।













