लंबे समय से बिजली बिल नहीं भरने वाले उपभोक्ताओं के लिए सरकार अब बड़ी राहत लेकर आई है। एक दिसंबर से शुरू होने जा रही बिजली बिल राहत योजना के तहत ‘नेवर पेड’ और ‘लांग अनपेड’ उपभोक्ता यदि अपना पूरा बकाया एक साथ जमा करते हैं, तो उन्हें न केवल बकाया पर लगने वाला पूरा ब्याज (सरचार्ज) माफ किया जाएगा बल्कि मूलधन में भी 25 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।

तीन चरणों में मिलेगा लाभ
यह योजना चरणबद्ध रूप से लागू होगी—
पहला चरण (1 से 31 दिसंबर 2025): पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को 25% तक मूलधन में छूट।
दूसरा चरण (1 से 31 जनवरी 2026): 20% छूट।
तीसरा चरण (1 से 28 फरवरी 2026): 15% छूट का लाभ।
सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता पहले चरण में जुड़ें ताकि उन्हें अधिक राहत दी जा सके।
किन उपभोक्ताओं पर लागू होगी योजना
यह योजना दो किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं और एक किलोवाट तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर लागू होगी। खास बात यह है कि बिजली चोरी से जुड़े मामलों में भी राहत का प्रावधान रखा गया है। यदि किसी उपभोक्ता पर तकनीकी त्रुटि या मीटर खराबी के कारण चोरी का मामला बना है, तो वह भी इस योजना के तहत छूट का लाभ ले सकेगा।
आसान किस्तों में भुगतान की सुविधा
गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए, योजना में बकाया भुगतान की मासिक किस्तों में जमा करने की सुविधा भी दी गई है। साथ ही, ओवर बिलिंग या अंडर बिलिंग वाले उपभोक्ताओं के बिल भी योजना अवधि में संशोधित किए जाएंगे।
कहां और कैसे करें पंजीकरण
उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट, जन सेवा केंद्र, खंड या उपखंड कार्यालय और विभागीय कैश काउंटर पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
बिजली चोरी से जुड़े मामलों में छूट पाने के लिए उपभोक्ताओं को राजस्व निर्धारण राशि का 10% या 2000 रुपये (जो अधिक हो) अग्रिम जमा करना होगा।
जिले में कितने उपभोक्ता होंगे लाभान्वित
इटावा जिले में इस योजना का सीधा लाभ तीन खंडों के 12,103 नेवर पेड उपभोक्ताओं और 52,121 लांग अनपेड उपभोक्ताओं को मिलेगा। इन उपभोक्ताओं पर क्रमशः लगभग 20.94 करोड़ और 67.89 करोड़ रुपये का बकाया है।
उद्देश्य – बिजली उपभोक्ताओं को नई शुरुआत का मौका
सरकार का लक्ष्य है कि ऐसे उपभोक्ता जो किसी वजह से वर्षों से बिल नहीं भर पाए, उन्हें बिना दंड और ब्याज के नई शुरुआत का अवसर मिले। योजना से न केवल विभाग को राजस्व मिलेगा, बल्कि उपभोक्ता भी बकाए के बोझ से मुक्त होकर नियमित भुगतान की राह पर लौट सकेंगे।












