मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के एक दिन पहले सोमवार को ही अयोध्या पहुंच गए। यहां उन्होंने ध्वजारोहण कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियों के बारे में भी जाना। मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी व श्रीराम मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया।

अयोध्या पहुंचने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। उन्होंने हवाई अड्डे का निरीक्षण किया और अधिकारियों से यहां से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं के बारे में जाना। मुख्यमंत्री वहां से सीधे साकेत डिग्री कॉलेज स्थित हेलीपैड पहुंचे। यहां उन्होंने हेलीपैड से जुड़ी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके बाद हनुमानगढ़ी पहुंचे और यहां उन्होंने संकटमोचन हनुमान के चरणों में शीश झुकाया।
मुख्यमंत्री यहां से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यक्रम की तैयारियों व सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। सीएम ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से भी तैयारियों के संदर्भ में जानकारी ली। फिर मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को ध्वजारोहण कार्यक्रम से संबंधित दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने सुरक्षा, सफाई, अतिथि स्वागत आदि को लेकर भी प्रशासन की तैयारियों को जाना, फिर दिशा-निर्देश भी दिया।
सर संघ चालक मोहन भागवत ने ब्रह्मकुंड गुरुद्वारे में टेका माथा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डा मोहन भागवत का अयोध्या आगमन तीसरी बार हुआ। वह यहां बीती रात पहुंचे। वहीं सोमवार को अपराह्न उन्होंने ब्रह्मकुंड गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका। इसके साथ ही गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी भाव सुमनांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके बलिदान को पूरा देश सदा सर्वदा स्मरण करेगा। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन सिखाता है कि सत्य और न्याय के लिए खड़े होना कितना आवश्यक है, भले ही परिस्थिति कितनी ही प्रतिकूल क्यों न हो। उनका बलिदान साहस, त्याग और मानव सेवा की उच्चतम परंपरा को दर्शाता है।
संघ प्रमुख डा. भागवत मंगलवार को राम मंदिर में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में भी शामिल होंगे। वह हर संघचालक के रूप में तीसरी बार अयोध्या आए है। इसके पहले संघ के प्रांत प्रचारकों के अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग में शामिल हुए थे जबकि दूसरी बार उनका आगमन रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हुआ था। संघ प्रमुख रविवार को लखनऊ में थे और रात्रि में वह अयोध्या पहुंचे। यहां वह संघ के विभाग कार्यालय साकेत निलयम में रात्रि प्रवास किया। पुनः सोमवार को संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम के विषय में बैठक प्रगति की समीक्षा की। गुरुद्वारे में संघ प्रमुख का स्वागत ज्ञानी गुरुजीत सिंह ने सिरोपा भेंट कर किया। वहीं अतिथियों का स्वागत चरनजीत सिंह ने किया। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय, संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रांत प्रचारक कौशल जी व अन्य भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे और उन्होंने इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में माथा टेका। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने गुरु तेग बहादुर के बलिदान और विश्व मानवता के प्रति उनके योगदान को याद किया। कहा कि धर्म एवं मानवीय मूल्यों,आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। अंतिम सांस तक विरोध जारी रखा। उन्होंने के त्याग और बलिदान के कारण आज यह धर्म अपने मानवीय मूल्यों के लिए जाना जाता है। वह लगभग एक घंटे गुरूद्वारे में रहे।
गुरुद्वारा प्रबंधक ज्ञानी गुरजीत सिंह व महंत बलजीत सिंह ने बताया कि यह हमारे लिए हर्ष और गौरव की बात है कि श्री गुरु तेग बहादुर महाराज के शहीदी दिवस पर संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने गुरुद्वारा आकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। यहां पर उनका परंपरागत ढंग से स्वागत किया गया। धार्मिक सौहार्द,एकता और श्रद्धा का संदेश देने वाले इस अवसर पर बावन मंदिर पीठाधीश्वर,बधाई भवन के महंत राजीव लोचन समेत सिख धर्म के अनुयायी और संत-महंत व धर्मगुरु मौजूद रहे।












