नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मंगलवार को नौकरी के लिए साक्षात्कार नहीं हो सके। युवाओं ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के बजाय थर्ड पार्टी यानी निजी कंपनी के ऑफर लेटर देने का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, इस संबंध में नायल के अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की।

नोएडा एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान एकमुश्त पांच लाख रुपये मुआवजे के बजाए रोजगार का विकल्प चुनने वाले परिवारों के युवाओं को मंगलवार को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। नायल की ओर से भेजे गए आधिकारिक ई-मेल में लिखा गया है कि साक्षात्कार के माध्यम से कन्सेशनायर पार्टनर्स के लिए उपयुक्त निजी नौकरियों के लिए युवाओं का चयन किया जाएगा।
युवा मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे एयरपोर्ट साइट पर पहुंचे। युवाओं का आरोप है कि जब उन्होंने साक्षात्कार से पहले दी जानी वाली नौकरी का विवरण मांगा तो उन्हें जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने धरना शुरू कर दिया। युवाओं का कहना था कि उन्हें थर्ड पार्टी के ऑफर लेटर दिया जाने वाला है। उन्हें नायल की ओर से ऑफर लेटर दिया जाए। उन्होंने कहा कि नौकरी पूरी तरह अस्थायी है और उसके लिए कोई आधिकारिक ड्राफ्ट तक तैयार नहीं है। सूत्र बताते हैं कि हंगामे के बाद युवाओं को बाहर भेज दिया गया।
चार घंटे तक धरना-प्रदर्शन : युवाओं ने अपनी मांगों को लेकर करीब चार घंटे तक हंगामा किया। एयरपोर्ट साइट पर प्रदर्शन करने के बाद एयरपोर्ट के गेट के पास स्थित गांव किशोरपुर के एक मंदिर परिसर में जाकर धरना प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच युवाओं को जानकारी मिली कि जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह यमुना एक्सप्रेसवे पर आ रहे हैं। इस पर युवा जेवर इंटरचेंज पहुंचे और विधायक को सारी जानकारी दी। विधायक धीरेंद्र सिंह ने बुधवार को एयरपोर्ट साइट पर अपने साथ ले जाकर युवाओं की अधिकारियों से वार्ता कर उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया।
335 किसानों ने विकल्प चुना
नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन देने वाले किसानों के परिवारों को परियोजना में नौकरी देने का प्रावधान है। नौकरी नहीं लेने पर उसे पांच लाख रुपये मिलेंगे। दोनों में से एक विकल्प चुनने के लिए फॉर्म भरवाया जाता है। एयरपोर्ट के पहले चरण में पांच हजार किसानों ने जमीन दी। इनमें से 335 किसान परिवारों ने नौकरी का विकल्प चुना।
पोर्टल से आवेदन लिए गए
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के बच्चों को रोजगार देने के लिए पोर्टल बनाया गया था। इस पोर्टल के माध्यम से युवाओं ने रोजगार के लिए आवेदन किए। इन्हें अब योग्यता के आधार पर स्थानीय और अन्य औद्योगिक इकाइयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।











