लखनऊ। भाजपा संगठन चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया अब निर्णायक दौर में पहुँच चुकी है। मंगलवार देर रात सभी विधान सभा क्षेत्रों से प्रांतीय परिषद के सदस्यों के नाम घोषित कर दिए गए हैं। ये सदस्य ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करते हैं, इसलिए यह चरण बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

खरमास से पहले पूरी होगी चुनावी प्रक्रिया
16 दिसंबर से खरमास की अवधि शुरू हो रही है, ऐसे में प्रयास है कि प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव इससे पहले संपन्न करा लिया जाए। संगठन अब तेज़ी से अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है।
जिलाध्यक्षों के चयन ने गति पकड़ी
पिछले साल अक्टूबर से जारी संगठनात्मक चुनाव में इस वर्ष मार्च में 98 में से 70 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद 26 नवंबर को 14 और जिलाध्यक्ष बनाए गए, जिससे कुल संख्या 84 तक पहुँच गई।
प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के लिए 51% जिलाध्यक्षों का चयन ज़रूरी होता है, जबकि वर्तमान में लगभग 86% जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है। इससे चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अब कोई बाधा नहीं रह गई है।
प्रांतीय परिषद का गठन भी पूर्ण
प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए आवश्यक प्रांतीय परिषद का गठन भी पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक विधान सभा से एक प्रतिनिधि चुना गया है और जिला चुनाव अधिकारियों ने मंगलवार देर रात सभी नामों की घोषणा कर दी। परिषद के गठन के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का मंच पूरी तरह तैयार है।
ओबीसी बनाम ब्राह्मण चेहरा: कौन बनेगा प्रदेश अध्यक्ष?
भाजपा के भीतर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार सबसे मज़बूत दावेदारी किसी ओबीसी चेहरे की मानी जा रही है, क्योंकि वर्ष 2027 के विधान सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी बड़े सामाजिक वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
हालाँकि, पार्टी के भीतर ब्राह्मण चेहरे को आगे करने की चर्चा भी चल रही है। अंतिम निर्णय क्या होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।













