देवरिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने औद्योगिक प्लाट की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेजे गए पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की लिखित और मौखिक शिकायत पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने मामले में आरोपित की सुरक्षा और गिरफ्तारी के दौरान हुई कथित जबरदस्ती की जांच करने का निर्देश दिया है।

गिरफ्तारी के दौरान कथित जबरदस्ती
अमिताभ ठाकुर ने रिमांड के दौरान न्यायालय को अवगत कराया कि गिरफ्तारी के समय उसके साथ जबरदस्ती की गई, जिससे उसके शरीर पर चोटें आई हैं। पुलिस द्वारा प्रस्तुत मेडिको-लीगल रिपोर्ट में भी दो चोटें दर्ज हैं, जिन्हें हार्ड एंड ब्लंट ऑब्जेक्ट से लगने की पुष्टि की गई है। कोर्ट ने एसपी को 10 दिन के भीतर अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
अदालत में रिमांड पेशी और शिकायत
कोर्ट ने कहा कि धोखाधड़ी समेत विभिन्न मामलों में आरोपी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर रिमांड के लिए अदालत में पेश किया गया। रिमांड के समय आरोपी ने अदालत को जबरदस्ती किए जाने की जानकारी दी। पुलिस की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में चोटों का विवरण और उनकी ताजगी भी उल्लेखित है।
पत्नी नूतन ठाकुर का अधिवक्ताओं से संपर्क
औद्योगिक प्लाट के फर्जीवाड़े में फंसे अमिताभ ठाकुर की जेल भेजे जाने के बाद उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने मोबाइल के जरिए अधिवक्ताओं से संपर्क साधा। अधिवक्ताओं ने एफआईआर, रिमांड कागजात और फर्जीवाड़े से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हासिल करने के लिए न्यायालय का दौरा किया। इससे आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय में दाखिल की जा सके।
मामला: औद्योगिक प्लाट में फर्जीवाड़ा
औद्योगिक प्लाट की खरीद-बिक्री में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर दोनों आरोपित हैं। कोर्ट द्वारा जांच और रिपोर्टिंग का निर्देश देने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई निर्धारित की जाएगी।












