कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर का आज शुक्रवार (12 दिसंबर) को लातूर में निधन हो गया. वे 91 साल के थे और उन्होंने सुबह करीब 6:30 बजे लातूर में अपने घर “देववर” में आखिरी सांस ली. लंबी बीमारी के कारण घर पर ही उनका इलाज चल रहा था. शिवराज पाटिल चाकुरकर लोकसभा के स्पीकर थे और उन्होंने कई केंद्रीय मंत्री पदों पर काम किया. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में देश के लिए कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया और देश की संवैधानिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई.

शिवराज पाटिल लातूर के चाकुर से एक प्रभावशाली कांग्रेस नेता थे और लातूर लोकसभा क्षेत्र से सात बार जीते थे. 2004 में लोकसभा में हारने के बाद भी उन्होंने राज्यसभा से गृह मंत्री का पद और केंद्रीय जिम्मेदारियां स्वीकार की थीं. कांग्रेस और उसके सभी कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में संभाली महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी
शिवराज पाटिल का नाम भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और अनुभवी व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन और मुंबई यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की थी. वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे. उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली. वह साल 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर रहे. उन्होंने देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत को लीड किया.
चुनाव हारने के बावजूद भी मिली थी बड़ी जिम्मेदारी
शिवराज पाटिल ने सोनिया गांधी की लीडरशिप वाली कांग्रेस पार्टी में भी कई जरूरी जिम्मेदारियाँ निभाईं. साल 2004 में चुनाव हारने के बावजूद उन्हें भरोसे के साथ केंद्र में होम मिनिस्टर का पद दिया गया. हालांकि 2008 के मुंबई टेररिस्ट अटैक के बाद उन्होंने सिक्योरिटी में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था.













