एनसीआर में अपने सपनों का आशियाना बनाने का ख्वाब देख रहे लोगों के लिए लोगों के लिए अच्छी खबर है। यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) की अब 30 के बजाय 40 वर्गमीटर के प्लॉट पर आवासीय योजना लाने करने की तैयारी है। एक आंतरिक सर्वे के बाद यह निर्णय लिया गया है। तीन सेक्टरों में करीब 3800 प्लॉटों पर चरणबद्ध तरीके से योजना शुरू की जाएगी।

प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि काफी पहले श्रमिकों व न्यूनतम आय के लोगों के लिए 30 वर्गमीटर के आवासीय प्लॉट की योजना लाने का फैसला लिया गया था, जिसे बोर्ड में भी मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों ने जांच में पाया है कि 30 वर्गमीटर का प्लॉट का प्रस्ताव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रचलित भवन मानकों व निर्माण पद्धति के अनुरूप नहीं है। यह प्लॉट बहुत छोटा है, उस पर ठीक से घर बनाना मुश्किल हो जाता है। इतनी छोटी जगह में कमरे ठीक से नहीं बन पाते, सीढ़ियां व खुली जगह सुरक्षित नहीं होती व ऊपर मंजिल बनाना भी जोखिम भरा हो जाता है। इसके मुकाबले 40 वर्ग मीटर का प्लॉट थोड़ा बड़ा होता है, जिस पर घर का नक्शा सही तरीके से बनाया जा सकता है। कमरे, रसोई और सीढ़ियां बेहतर ढंग से फिट हो जाती हैं, मकान ज्यादा मजबूत और सुरक्षित बनता है और रहने वालों को ज्यादा सुविधा मिलती है। साथ ही 40 वर्गमीटर का प्लॉट वही मानक है जैसा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जैसी दूसरी सरकारी एजेंसियां भी अपनाती हैं। इसलिए यह आकार ज्यादा व्यावहारिक और भरोसेमंद माना गया है। प्राधिकरण ने प्लॉटों के लिए सेक्टर-17, 18 व 20 में जमीन आरक्षित कर ली है जहां पर कुल 3800 से अधिक प्लॉटों पर योजना आएगी।
आवेदकों की वार्षिक आय सीमा बढ़ाने का फैसला
प्लॉट के आकार में बदलाव के साथ-साथ प्राधिकरण ने आय पात्रता मानदंड में भी बड़ी छूट का प्रस्ताव तैयार किया है। आवेदकों के लिए वार्षिक आय सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पहले जो आय तय की गई थी, उसके कारण कई वास्तविक लाभार्थी बाहर हो रहे थे, जो औपचारिक रोजगार में नहीं हैं, लेकिन सालाना तीन लाख रुपये से अधिक कमाते हैं। संशोधित आय सीमा केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अपनाए गए मानकों के काफी हद तक अनुरूप है। इनमें फैक्ट्री मजदूर, ड्राइवर, क्लीनर, लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले मजदूर, मैकेनिक, हेल्पर, सुरक्षा गार्ड, पैकेजिंग, सफाई और मेंटेनेंस से जुड़े कर्मचारी, ढाबों, कैंटीन और छोटी दुकानों में काम करने वाले लोग, यानी वे लोग जो उद्योगों और लॉजिस्टिक्स हब (माल ढुलाई, वेयरहाउस आदि) को चलाने में मदद करते हैं, लेकिन खुद किसी औपचारिक नौकरी के दायरे में नहीं आते, उन्हें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक कहा गया है।
सेक्टर-18 में अधिक भूखंड
संशोधित योजना के तहत यह आवासीय प्लॉट योजना तीन सेक्टरों में लागू होगी। सेक्टर 17 में 455 प्लॉट होंगे। सेक्टर 18 में सबसे अधिक प्लॉट होंगे, जहां एक पॉकेट में 2,236 और दूसरे पॉकेट में 644 प्लॉट प्रस्तावित हैं। वहीं सेक्टर 20 में 463 प्लॉट होंगे।
शैलेंद्र भाटिया, एसीईओ, यीडा, ”40 वर्गमीटर के प्लॉट मानक और संशोधित आय सीमा को शामिल करते हुए शर्तें, कीमतें और समय-सीमा सहित विस्तृत योजना को बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।”













