यमुना सिटी में चल रहे और प्रस्तावित विकास कार्यों को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए नए सेक्टरों में टोपोग्राफिकल सर्वे कराया जाएगा. इस सर्वे के जरिए प्रत्येक सेक्टर की मौजूदा भौगोलिक स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं और भविष्य की जरूरतों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा, ताकि विकास योजनाओं को बेहतर तरीके से अमल में लाया जा सके.

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने इसके लिए नए विकसित हो रहे सेक्टर-4, 5, 5ए, 8ए, 8डी और 8एफ में टोपोग्राफिकल सर्वेक्षण कराने हेतु रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी की है. सर्वे के दौरान जमीन की माप, सड़क नेटवर्क, नालियों की स्थिति, जल स्रोतों, खाली भूखंडों, निर्माण गतिविधियों और अन्य बुनियादी ढांचे का विस्तृत डाटा एकत्र किया जाएगा. प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस सर्वेक्षण के आधार पर सेक्टरों में विकास कार्यों की प्राथमिकताएं तय की जाएंगी. इससे भविष्य की परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में आसानी होगी और संसाधनों का सही उपयोग संभव हो सकेगा. इस पूरे कार्य पर करीब 22.12 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इच्छुक कंसल्टेंट कंपनियां 26 दिसंबर तक आवेदन कर सकती हैं.
यीडा मास्टर प्लान-2041 के तहत प्रस्तावित 46 नए सेक्टरों के लिए सर्विस मास्टर प्लान भी तैयार कराएगा. इसके लिए जल्द ही कंसल्टेंट कंपनी के चयन को लेकर अलग आरएफपी जारी की जाएगी. इस मास्टर प्लान में सीवर, ड्रेनेज और जलापूर्ति जैसी बुनियादी सेवाओं की दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी, ताकि आने वाले कई दशकों तक नागरिकों को किसी तरह की परेशानी न हो. अधिकारियों के मुताबिक, मास्टर प्लान-2031 के तहत यीडा क्षेत्र में 52 सेक्टर विकसित किए गए थे, जिनकी संख्या अब मास्टर प्लान-2041 में बढ़कर 98 हो गई है. इनमें 46 सेक्टर नए हैं, जहां भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है. इन्हीं सेक्टरों के लिए सर्विस मास्टर प्लान तैयार कराया जाएगा. हालांकि बिजली आपूर्ति को लेकर अलग से योजना बनाई जाएगी.
यीडा के एसीईओ शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि नए सेक्टरों में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से टोपोग्राफिकल सर्वे कराया जा रहा है, जिसके लिए आरएफपी जारी की गई है. इसके साथ ही 46 नए सेक्टरों के लिए सर्विस मास्टर प्लान तैयार कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.











