प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओमान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से नवाजा गया है। यह सम्मान उनके व्यक्तिगत कूटनीतिक योगदान के साथ-साथ वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत और प्रभाव का भी प्रतीक है। अब तक प्रधानमंत्री मोदी 29 देशों के सर्वोच्च विदेशी नागरिक सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।

ओमान की ओर से सम्मान
ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने प्रधानमंत्री मोदी को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी की ओमान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान दिया गया, जो उनके तीन देशों के दौरे का अंतिम चरण था।
ऑर्डर ऑफ ओमान ओमान का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। इसकी स्थापना वर्ष 1970 में सुल्तान कबूस बिन सईद द्वारा की गई थी।
भारत-ओमान संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह सम्मान भारत और ओमान के बीच मजबूत और पुराने रिश्तों का प्रतीक है। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध, जनसंपर्क और वैश्विक शांति में योगदान को सम्मानित करता है। इस वर्ष भारत और ओमान के कूटनीतिक संबंधों को 70 वर्ष पूरे हो गए हैं, जो इस अवसर को और विशेष बनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान मिलने के बाद ओमान के सुल्तान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे भारत और ओमान के लोगों के बीच आपसी विश्वास और स्नेह का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अरब सागर सदियों से दोनों देशों को जोड़ने वाला सेतु रहा है, और यह सम्मान भारत की जनता और दोनों देशों के पूर्वजों के योगदान को समर्पित है, जिन्होंने व्यापार और समुद्री संपर्क से रिश्तों की नींव रखी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह सम्मान भारत और ओमान की सदियों पुरानी दोस्ती को समर्पित किया है। मंत्रालय ने इसे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और 140 करोड़ भारतीयों तथा ओमान की जनता के बीच आपसी विश्वास का प्रतीक बताया और इसे संबंधों में नया अध्याय करार दिया।
29 देशों से मिले सर्वोच्च नागरिक सम्मान
ऑर्डर ऑफ ओमान के साथ प्रधानमंत्री मोदी अब तक 29 देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। इनमें ब्राजील, फ्रांस, रूस, अमेरिका, श्रीलंका, भूटान, मिस्र, कुवैत, यूएई, सऊदी अरब और फलस्तीन जैसे देशों के सम्मान शामिल हैं।
यह उपलब्धि किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए अद्वितीय मानी जाती है। प्रधानमंत्री मोदी को मिले ये सम्मान भारत की मजबूत विदेश नीति और बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाते हैं। ओमान का यह सम्मान इस बात का संकेत है कि भारत अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भरोसेमंद और प्रभावशाली देश के रूप में स्थापित हो चुका है।














