दिल्ली के प्रगति मैदान टनल में दिनदहाड़े बंदूक के नोक पर हुई लूट के मामले में पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक की पुलिस जांच और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद टनल लूट कांड को लेकर तमाम बड़े खुलासे भी हुए हैं. आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों द्वारा लूटी हुई रकम 2 लाख नहीं बल्कि 50 लाख रुपये तक हो सकती है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से अब तक 5 लाख रुपये बरामद भी किए हैं. इतना ही नहीं इस लूटकांड का मास्टरमाइंड उस ओमिया एंटरप्राइजेज कंपनी में काम कर चुका है, जिसके डिलीवरी एजेंट से लूट हुई.
दरअसल, 24 जून की सुबह चांदनी चौक स्थित ओमिया एंटरप्राइजेज के डिलीवरी एजेंट और उसका सहयोगी टैक्सी से गुरुग्राम जा रहे थे. तभी प्रगति मैदान टनल में बाइक पर आए बदमाशों ने बंदूक की नोक पर एक कैब को रोककर एक डिलीवरी एजेंट के साथ लूट की थी. इस वारदात का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे बदमाश कार के आगे 2 बाइक लगाकर उसे रोकते हैं और बंदूक दिखाकर कार सवार डिलीवरी एजेंट से पैसों से भरा बैग लूट लेते हैं. मामला सामने आने के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी.
2 लाख नहीं 50 लाख हो सकती है रकम
प्रगति मैदान लूट कांड में लूटी हुई रकम को लेकर पुलिस ने संदेह जताया है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से अब तक पांच लाख रुपये बरामद किए हैं. ऐसे में पुलिस को आशंका है कि लूटी गई रकम करीब पचास लाख रुपये तक हो सकती है. हालांकि, अभी जांच जारी है. इसके अलावा पुलिस ने शिकायतकर्ता से भी बात की है, ताकि लूटी हुई रकम के बारे में सही जानकारी मिल सके.
लूट से पहले दो दिन तक की थी रेकी
पुलिस ने इस मामले में अब तक उस्मान अली उर्फ कल्लू (बुराड़ी ), इरफान, सुमित उर्फ आकाश, अनुज मिश्रा उर्फ सैंकी , कुलदीप उर्फ लंगड़, प्रदीप उर्फ सोनू, अमित उर्फ बाला को गिरफ्तार किया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने लूट कांड को अंजाम देने से पहले गुरुवार और शुक्रवार को रेकी की थी. इसके बाद शनिवार को लूट को अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित ने लाल किले से गुरुग्राम के लिए टैक्सी बुक की थी. लेकिन जैसे ही टैक्सी प्रगति मैदान टनल से गुजरी, बदमाशों ने इसे रोककर पीड़ित से पैसे लूट लिए.
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि घटना के बाद दिल्ली और हरियाणा में तमाम ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इसके बाद पुलिस ने उस्मान, अनुज मिश्रा और कुलदीप को गिरफ्तार किया. इसके बाद बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
उस्मान और प्रदीप लूटकांड के मास्टरमाइंड
पुलिस के मुताबिक, उस्मान और प्रदीप इस वारदात के मास्टमाइंड हैं. उस्मान को चांदनी चौक इलाके में नकदी की आवाजाही के बारे में जानकारी थी, क्योंकि वह वहां कई सालों तक एक ई-कॉमर्स कंपनी में कूरियर बॉय के तौर पर काम कर चुका था.
उस्मान ने कई बैकों से कर्ज ले रखा था और वह क्रिकेट सट्टेबाजी में भी पैसा हार गया था. ऐसे में उसने कर्ज चुकाने के लिए इस लूट की साजिश रची. इसके बाद टारेगट की पहचान की गई. उस्मान को जानकारी थी कि चांदनी चौक में कैश ट्रांजेक्शन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होता है. ऐसे में उसने टारगेट की पहचान कर उसकी रेकी शुरू की. शनिवार को उस्मान ने अपने साथियों को बताया कि हरियाणा नंबर की टैक्सी में कैश ले जाया जा रहा है.
बुराड़ी में रची गई साजिश
अनुज मिश्रा जलबोर्ड में कॉन्ट्रैक्ट पर मैकेनिक है. जबकि कुलदीप एक सब्जी विक्रेता है और उसने लूट के लिए पिस्टल और गोलियों की व्यवस्था कराई. वहीं, इरफान नाई है और वह अपने चचेरे भाई उस्मान के जरिए अन्य आरोपियों के संपर्क में आया. सुमित भी सब्जी बेचता है.
पुलिस के मुताबिक, प्रदीप फिरौती के एक मामले में आठ साल तक न्यायिक हिरासत में रह चुका है. वह दो साल पहले ही जेल से रिहा हुआ है. अमित प्रदीप के जरिए ही उस्मान के संपर्क में आया. उस्मान के बुराड़ी स्थित फ्लैट पर लूट कांड की साजिश रची गई. कुलदीप पर पहले से स्नैचिंग और डकैती के 16 मामले दर्ज हैं. वहीं, मिश्रा पर 5 केस दर्ज हैं. जबकि प्रदीप 37 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है.