वाराणसी: ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे को हरी झंडी दे दी गई है। अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इस प्रकार ज्ञानवापी का सर्वे जारी रहेगा। विवादित वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई की ओर से सर्वे किया जा सकेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को एएसआई को ज्ञानवापी में सर्वे की इजाजत दी थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि हम हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? अयोध्या मामले में भी एएसआई ने सर्वे किया था। एएसआई के सर्वे से दिक्कत क्या है? सर्वे में ज्ञानवापी परिसर को ऐसा क्या नुकसान होगा, जो ठीक नहीं हो सके ? बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का हवाला भी दिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सीएम का बयान सही नहीं है। इसमें राज्य का सही नहीं है।
24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जब हाईकोर्ट ने दोबारा शर्तों के साथ सर्वे करने का आदेश दिया, तब मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया । इस बीच एएसआई की 40 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी का सर्वे शुरू कर दिया। टीम ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की मैपिंग की। टीम परिसर के अंदर सर्वे के दायरे में आने वाली हर चीज की फोटोग्राफी की गई। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में जारी प्रक्रिया के बीच एएसआई को जिला कोर्ट से भी चार हफ्तों का समय मिल गया है। जिला कोर्ट ने चार सप्ताह में सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है।
सर्वे से इमारत को कोई नुकसान नहीं
ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ने कहा कि एएसआई ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि इमारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इमारत में किसी प्रकार की खुदाई नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि खुदाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे से किसी के अधिकार का हनन नहीं हो रहा है। हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सर्वे की लाइव स्ट्रीमिंग का प्रस्ताव दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से साफ कहा गया कि सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ नहीं जाए। परिसर में खुदाई का कार्य नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करेंगे। सर्वे से इमारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
कोर्ट में उठा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का भी मुद्दा उठा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह सेक्शन कन्वर्जन को परिभाषित करता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप सही हैं, एक्ट के 2(बी) रूपांतरण शब्द का उपयोग बहुत व्यापक अर्थ में है। एक्ट के तहत साफ है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि सवाल यह है कि 15 अगस्त 1947 को उस स्थान का धार्मिक चरित्र क्या था?
सुप्रीम कोर्ट में उठा सीएम योगी का बयान
सुप्रीम कोर्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी चर्चा की गई। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया है, वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य को किसी भी पक्ष के में नहीं बोलना चाहिए। दरअसल, सीएम योगी ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मुद्दे पर कहा था कि इसे मस्जिद कहने पर विवाद होगा। वहां हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें हैं। ज्ञानवापी में त्रिशूल क्या कर रहा है? सीएम योगी की इसी टिप्पणी का मुद्दा उठा। ज्ञानवापी सर्वे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे पर अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा कि सर्वे में ऐसी क्या हानि हो सकती है, जिसे ठीक न किया जा सके?
ज्ञानवापी सर्वे पर रोक से इनकार
ज्ञानवापी सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे का काम होने दें। रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि सर्वे पर रोक नहीं लगेगी। इससे साफ हो गया है कि एएसआई अब सर्वे का काम आसानी से पूरा कर सकेगा। ऐसे में जिला कोर्ट की ओर से सर्वे प्रक्रिया को पूरा करने के लिए क्या टाइमलाइन दी जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
एससी ने पूछा सवाल, सर्वे से क्या दिक्कत है?
सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर कई सवाल दागे। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एएसआई सर्वे से क्या दिक्कत है? दो कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर आदेश जारी किया है। हम हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई का सर्वे तो अयोध्या मामले में भी हुआ था। फिर इस मामले में क्या परेशानी है। मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सर्वे पर रोक की याचिका दायर की गई थी। सु्प्रीम कोर्ट ने साफ किया कि एएसआई सर्वे जारी रहेगा।
दोपहर में रुकी थी सर्वे की प्रक्रिया
दोपहर में करीब 12 बजे एएसआई की सर्वे प्रक्रिया को रोका गया था। यह रोक जुमे की नमाज पढ़े जाने के लिए लगाई गई। दोपहर बाद करीब 2:30 बजे एक बार फिर एएसआई की सर्वे टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई और सर्वे की प्रक्रिया को शुरू कराया गया। 51 सदस्यीय टीम ज्ञानवापी परिसर के विभिन्न भागों का जायजा ले रही है। हालांकि, दोपहर बाद शुरू हुए सर्वे के दौरान भी मुस्लिम पक्ष नदारद रहा।
जिला कोर्ट ने दिया चार हफ्ते का समय
ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर जिला कोर्ट में भी अहम सुनवाई हुई। वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे का आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत ज्ञानवापी के विवादित वजूखाना स्थल को छोड़कर बाकी हिस्से के सर्वे का आदेश दिया गया था। जिला जज ने अपने आदेश में चार जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की थी। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा याचिका पर जिला जज का आदेश आया था। जिला जज ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को आदेश जारी किया था कि चार अगस्त तक सर्वे की प्रक्रिया को पूरी कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट करें।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में मामला खिंचने के कारण एएसआई का सर्वे शुरू होने में देरी हुई। जिला जज के समक्ष एएसआई की ओर से सर्वे के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया गया। जिला कोर्ट ने एएसआई को चार सप्ताह में सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया। जिला कोर्ट के फैसले के बाद माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक एएसआई अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट कर सकती है।
सर्वे को लेकर कमिश्नरेट का अलर्ट जारी
वाराणसी कमिश्नरेट ने सर्वे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। जुमे की नमाज को देखते हुए वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद की गई है। ज्ञानवापी परसिर के बाहर सुरक्षा इंतजाम चौकस किए गए हैं। मीडिया कर्मियों को भी ज्ञानवापी परिसर के आसपास जाने और एएसआई सर्वे के कवरेज की अनुमति नहीं दी गई है। मीडिया कर्मियों को ज्ञानवापी परिसर के गेट से 600 मीटर दूर रोका गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के गेट नंबर 4 के आगे किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी गई है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी है। हर छोटी से छोटी गतिविधि की जानकारी ली जा रही है। एएसआई सीनियर अधिकारियों के नेतृत्व में ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार से सर्वे का काम शुरू कराया गया है। तहखाने का भी सर्वे किए जाने की तैयारी का जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकती है सुनवाई
मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मुस्लिम पक्ष की ओर से याचिका पर तेजी से सुनवाई की मांग की गई है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को ही इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से भी कैविएट दाखिल किया जा चुका है। इस स्थिति में मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष भी मौजूद रह सकता है। उसकी ओर से भी दलील दी जाएगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर हर किसी की नजर है।