संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दोनों गेटों पर किसानों ने हल्ला बोल प्रदर्शन करते हुए दोनों गेटो पर कब्जा कर लिया। इस दौरान भारी संख्या में किसान मौजूद रहे किसान और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। किसानों के धरने को समर्थन देने के लिए सपा विधायक अतुल प्रधान भी पहुंचे। ग्रेटर नोएडा के किसान पिछले 119 दिनों से ग्रेटर नोएडा कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्राधिकरण के दोनों गेटो पर कब्जा कर उन्हें बंद कर दिया और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। इस दौरान किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्राधिकरण पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के 50 से ज्यादा गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन दिन और रात जारी है जिसमें भारी संख्या में किसान और महिलाएं शामिल होती हैं। आंदोलन कर रहे किसानों कि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता की गई जिन बातों पर सहमति बनी थी उन मांगों को भी प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया। जिसके चलते किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के द्वारा डेरा डालो घेरा डालो अभियान के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के दोनों गेटों पर किसानों ने हल्ला बोल प्रदर्शन करते हुए तालाबंदी कर दी।
मंगलवार को किसानों के आंदोलन में समाजवादी पार्टी के सरधना विधायक अतुल प्रधान पहुंचे जहां पर उन्होंने कहा कि जिले में कई जगह किसानों का धरना चल रहा है। किसानों की बातों को नहीं सुना जा रहा है और न ही उनकी मांगों को पूरा किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी पर किसानों का धरना काफी दिनों से चल रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर पिछले 118 दिनों से किसानों का शांतिपूर्ण धरना चल रहा है इससे पहले प्राधिकरण के द्वारा जो वादा किए गए थे फिर उन वादों के खिलाफ वादा खिलाफी की गई। किसान जेल गए लेकिन अभी भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है। अतुल प्रधान ने कहा कि हम धरना दे रहे किसानों के समर्थन के लिए आए हैं जो भी उनका निर्णय होगा हम उनके निर्णय के साथ हैं। अतुल प्रधान ने कहा कि यहां के जो जन प्रतिनिधि हैं वह किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है जिन वादों को किया जाता है उनका पूरा नहीं किया जाता। अभी कुछ दिनों पहले किसान नेता सुखबीर खलीफा नोएडा विधायक पंकज सिंह के आवास पर गए थे उन्होंने जो 1 साल पहले वादा किया था वह अभी तक पूरा नहीं किया गया। यहां पर भी सांसद, विधायक और प्राधिकरण के सीईओ के द्वारा जो किसानों से वादे किए गए थे उनका पूरा नहीं किया गया। जिसके बाद हार थक कर किसानों ने प्राधिकरण पर डेरा डालो घेरा डालो अभियान के तहत आज प्रदर्शन किया है। किसानों का यह आंदोलन उनकी मांगे पूरा होने तक जारी रहेगा।
इस दौरान किसान सभा के प्रवक्ता रुपेश वर्मा ने बताया कि हम प्राधिकरण को पर्याप्त समय दे चुके हैं। अपनी मांगों को हल करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नए सीईओ को आए लगभग डेढ़ महीने का समय हो चुका है उन्हें मुद्दों पर अपना निर्णय लेना है मुद्दों को लटकाए जाने की कोई ठोस हो जाए नहीं है। प्राधिकरण और शासन किसानों की परीक्षा ले रहा है उनके वाजिद मुद्दों को भी लटकाकर आंदोलन को लंबा खींच कर थकाने की कोशिश कर रहा है।
इस दौरान रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण के सीईओ को यहां के मुद्दों को समझने के लिए हमने डेढ़ महीने का समय दे दिया अब मुद्दों को समझने के बाद प्राधिकरण के अधिकारी इन मुद्दों को अपनी बोर्ड बैठक में ले जाकर इन पर विचार करें। लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी बोर्ड बैठक में किसानों के मुद्दों को ले जाने के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रहे जिसके बाद किसानों ने अपने तय कार्यक्रम डेरा डालो घेरा डालो के तहत मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दोनों कार्यालय पर तालाबंदी कर दी।
रुपेश वर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के लगभग 50 गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण कार्यालय पर पिछले 119 दिनों से डटे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों को 10% आवासीय प्लॉट प्राधिकरण के द्वारा नहीं दिए गए हैं। 3 दिसंबर 2010 का शासनादेश है रोजगार नीति के संबंध में जिसको प्राधिकरण ने अभी तक लागू नहीं किया है। पटवाडी समझौते के तहत भूमिहीनों को 40 वर्ग मीटर का प्लाट देने का समझौता हुआ था उसको भी प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया है। इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण मांग किसानों की नई भूमि अधिकरण की है प्राधिकरण अभी भी नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत किसानों को मुआवजा नहीं दे रहा है जब तक किसानों की यह मांगे पूरी नहीं होगी किसानों का यह धारणा लगातार जारी रहेगा।