संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा में 2013 में समाजवादी पार्टी के नेता चमन भाटी की घर में घुसकर हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने कुख्यात माफिया रणदीप भाटी राठौड़ी और उसके गैंग के चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वही साक्ष के अभाव में तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है। जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने आरोपी रणदीप भाटी, कुलवीर, योगेश डाबरा व उमेश पंडित को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर अलग-अलग 85500 का जुर्माना लगाया है। जुर्माना की राशि अदा न करने पर 1 वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी नहीं होगी। वही जेल में बितायी गयी सजा इसमे समायोजित की जाएगी।
दरअसल, 24 अप्रैल 2013 को ग्रेटर नोएडा के डाबरा गांव में घर में घुसकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चमन भाटी की हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में कुख्यात माफिया रणदीप भाटी रिठौडी सहित उसके गिरोह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। मामले में दादरी पुलिस ने हत्या के मामले में चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई है।
एडीजीसी शिल्पी भदोरिया ने बताया कि डाबरा निवासी चमन भाटी हत्याकांड में अदालत ने रणदीप भाटी सहित उसके गिरोह के चार आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने रणदीप भाटी, कुलबीर भाटी, उमेश पंडित और योगेश डबरा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई वही साक्ष्यों के अभाव में जुगला, यतेंद्र उर्फ लाला और हरेंद्र मामले से बरी हो गए हैं। चमन भाटी प्रॉपर्टी का व्यवसाय करते थे और उनकी जान को खतरा को देखते हुए सरकार ने उनको दो गनर उपलब्ध कराए थे। जिस दिन दोनों गानर छुट्टी पर थे उसी दिन हमलावरों ने मौका पाकर उनके घर में घुसकर गोलियों की बौछार करते हुए उनकी हत्या कर दी थी और मौके से फरार हो गए थे। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रणदीप भाटी रिठौडी सहित उसके गिरोह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर चार्ज शीट को जिला न्यायालय में पेश किया।
आपसी रंजिश में हुई थी चमन भाटी की हत्या
चमन भाटी की गांव के ही अन्य लोगों से आपसी रंजिस चल रही थी जिसके चलते 2012 में चमन भाटी के साले चंचुला निवासी पंकज नागर की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी। पंकज नागर चमन भाटी के ऑफिस पर ही बैठा हुआ था और चमन भाटी किसी काम से वहां से चले गए थे तभी हमलावर आए और उन्होंने चमन भाटी की हत्या करने की प्रयास से फायरिंग कर दी जिसमें उसके साले पंकज नागर की गोली लगने से मौत हो गई थी उसे मामले में चमन भाटी मामले में पैरवी कर रहा था।