21 जून को इटावा में कथावाचकों की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचक और उनके सहयोगियों को बुलाकर कथा सुनी और फिर उन्हें सम्मानित किया। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अब कथा कराने वाले परिवार ने कथावाचक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें कथा करने के लिए बुलाया गया था, जहां उनसे जाति पूछकर मारपीट की गई और अभद्रता की गई। उनके बाल तक काट दिए गए। उन्होंने एसएसपी ऑफिस जाकर कार्रवाई की अपील की। इसके साथ ही उनके साथ हुए व्यवहार का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
महिला को गलत तरीके से छूने का आरोप
हालांकि अब कथा कराने में शामिल परिवार ने कथावाचक मुकुट मणि यादव पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। जय प्रकाश तिवारी और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि कथावाचक ने गलत हरकत की थी। उन्होंने बताया कि कथावाचक ने उनकी पत्नी का हाथ पकड़कर पूजा करवाई। इस पर टोका गया तो उन्होंने कहा कि हम तो भागवताचार्य हैं, हमारे तो लोग पैर छूते हैं।
जय प्रकाश तिवारी ने कहा कि इसका जाति से कोई मतलब नहीं है। संन्यासी और आचार्य की कोई जाति नहीं होती, इसका कोई लेना-देना नहीं है। ये सब बस बवाल बनाया गया है। चोटी काटे जाने पर उन्होंने कहा कि ये सब हमने नहीं किया, जिन्होंने किया, वही जानें।
रोते हुए शख्स ने कहा- उन्होंने धमकी दी, क्या करते?
रोते हुए जय प्रकाश तिवारी ने कहा कि कथावाचक ने हमारी पत्नी से बदसलूकी की और धमकी दी कि समाजवादी पार्टी के मुखिया से हमारे अच्छे संबंध हैं, हम तुम्हें घर से उठा लेंगे। हम तो यहां रहते भी नहीं हैं, हरिद्वार रहते हैं। अब अगर यह सब करेंगे तो बच्चे कैसे पालेंगे? हम तो भागवत में आए थे, सपा-बसपा नहीं कर सकते। हमारे घर में गुंडे घुसेंगे तो कौन हमारी मदद करेगा? उन्होंने बताया कि कथावाचक के पास एक आधार कार्ड मिला, जिस पर लिखा था कि वह अग्निहोत्री है, लेकिन उसने हमें बताया था कि वह यादव है।
अब यह मामला कथा की जगह जातिगत भेदभाव, राजनीति और महिला शोषण से जुड़ गया है और इस पर प्रदेश में जमकर विवाद हो रहा है।