क्रिसमस से एक पखवाड़ा पहले ही बड़ा दिन मनाने को तैयार हो चुके नोएडा एयरपोर्ट के रनवे पर पहली बार विमान उतरेगा। दिल्ली से उड़ान भरकर पहला व्यावसायिक 10 मिनट में नोएडा एयरपोर्ट के फ्लाइंग जोन में पहुंचेगा और उपकरणों सहित अन्य संसाधनों की जांच के लिए डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट के आसपास मंडराता रहेगा।
इस पूरी कवायद के बाद क्रू मेंबर के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) का विमान नोएडा एयरपोर्ट के रनवे पर पहली लैंडिंग करेगा। इस सफल लैंडिंग के साथ ही एयरपोर्ट के इतिहास में ढाई दशक की कवायद के बाद एक और सफलता जुड़ जाएगी। यहां विमान की सफल लैंडिंग के बाद विमान कुछ घंटे बाद ही टेक ऑफ भी करेगा। फिलहाल, इस बड़ी उपलब्धि से पहले रनवे को वाटर कैनन से सलामी दी गई।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को ट्रायल रन से पहले विमान को लैंडिंग की अनुमति के साथ ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने रनवे पर अन्य सुरक्षा उपकरणों का निरीक्षण कर रिपोर्ट दे दी है। इस ट्रायल के बाद यापल वाई अड्डे के प्रमाणीकरण के लिए दस्तावेज को अंतिम रूप देगा और इसे डीजीसीए को सौंप देगा। एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ान संचालन शुरू होने से पहले हवाई अड्डे को डीजीसीए और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) दोनों द्वारा प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी। इन प्रमाणीकरण के लिए समयसीमा का निर्धारण भी किया गया है।
यहां बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे के ट्रायल के लिए डीजीसीए से 15 दिसंबर तक की समयसीमा तय की गई है। पहले 30 नवंबर को ट्रायल रन की तारीख नियत की गई थी। मगर, डीजीसीए टीम के निरीक्षण के चलते यह आगे बढ़ गई। कैलिब्रेशन ट्रायल के बाद रनवे का ट्रायल 9 दिसंबर को होगा। यहां बता दें कि अबतक एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्तूबर तक जांच की जा चुकी है।
घने कोहरे और अंधेरे में भी होगी आसान लैडिंग
एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा व 60 मीटर चौड़ा पहला रनवे बनकर पूरी तरह से तैयार है। रनवे पर मार्किंग और लाइटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है। नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में तैयार हो रहा है, इसकी यात्री क्षमता प्रति वर्ष 1.2 करोड़ होगी। लेकिन चार चरणों में इसका विस्तार किया जाएगा। 2050 तक एयरपोर्ट पूरी तरह संचालित होने पर हर साल सात करोड़ यात्रियों की आवाजाही क्षमता को पूरा करेगा।
एयरपोर्ट की उपलब्धियों पर एक नजर
– आईएलएस कैलिब्रेशन का कार्य 10 से 14 अक्तूबर तक हो चुका
– कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट भी यापल को प्राप्त हो चुका है।
– फ्लाइट ट्रालय का अप्रूवल डीजीसीए से प्राप्त हो चुका
– 9 दिसंबर को रनवे पर ट्रायल रन किया जाएगा
– एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन इसी माह में होगा
– एआईपी पब्लिकेशन 6 फरवरी को होगा
– छह फरवरी के बाद फ्लाइट के लिए टिकट बुकिंग सेवा शुरू हो जाएगी
– 17 अप्रैल तक एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट शुरू हो जाएगी
एयरपोर्ट के रनवे पर सोमवार को पहली बार विमान लैंड करेगा। एएआई का विमान करीब डेढ़ घंटे तक सभी उपकरणों व रडार सिस्टम की जांच करेगा। एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए इसकी रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी जाएगी।
– शैलेंद्र भाटिया, नोडल अधिकारी, नायल