नोएडा। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से रिटायर्ड उपनिदेशक ओमप्रकाश श्रीवास्तव को साइबर अपराधियों ने तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 1.70 करोड़ रुपए की ठगी की। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-62 की एक सोसायटी में रहने वाले श्रीवास्तव को 9 सितंबर को एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि उनका एक मुंबई नंबर से लोगों को परेशान किया जा रहा है। फिर उनका फोन कथित मुंबई पुलिस अधिकारी को ट्रांसफर कर दिया गया। इस अधिकारी ने बताया कि श्रीवास्तव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है और उन्हें तुरंत मुंबई आना होगा।
चूंकि श्रीवास्तव बुजुर्ग और बीमार थे, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत का विकल्प दिया गया। फिर उन्हें व्हाट्सएप पर एक ऐप खोलने और वीडियो कॉल करने के लिए कहा गया। साइबर अपराधियों ने उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल की और एक वर्चुअल अदालत में पेश किया गया, जहां एक व्यक्ति जज का रूप लेकर जांच करता रहा।
आरोपियों ने श्रीवास्तव से 1.70 करोड़ रुपए एक बताए गए खाते में ट्रांसफर करने को कहा, यह रकम जांच पूरी होने पर वापस कर दी जाएगी। तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखने के बाद, ठगी की रकम ट्रांसफर कराई गई। उन्हें यह भी कहा गया कि इस मामले की बात किसी से न करें।
बाद में उनके बेटे को मामला पता चला और 16 सितंबर को साइबर क्राइम पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस अब ठगी की राशि के ट्रांसफर किए गए खातों का पता लगा रही है।