सावन माह में कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। दिल्ली के कालिंदी कुंज से नोएडा आने वाला एक महत्वपूर्ण रास्ता कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोमवार शाम या मंगलवार सुबह से आम वाहनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। यह प्रतिबंध 23 जुलाई तक लागू रहेगा।
कौन सा रास्ता होगा बंद?
यह नियम कालिंदी कुंज लाल बत्ती से नोएडा की तरफ आने वाले रास्ते पर लागू होगा। इस दौरान दिल्ली से नोएडा आने वाले अन्य वैकल्पिक रास्ते खुले रहेंगे, लेकिन इस विशेष रूट पर केवल कांवड़ियों और उनकी सेवा में लगे वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी।
क्यों उठाया गया यह कदम?
हर साल हरिद्वार, गौमुख और अन्य तीर्थस्थलों से जल लाकर शिवभक्त कांवड़िए अपने-अपने शहरों और गांवों तक पदयात्रा करते हैं। नोएडा और दिल्ली के रास्ते हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कांवड़िये गुजरते हैं। अधिकारियों ने बताया कि कांवड़िए दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर से नोएडा में प्रवेश करते हैं, फिर ओखला पक्षी विहार के रास्ते होते हुए कालिंदी कुंज लाल बत्ती की ओर जाते हैं और वहां से अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं।
ट्रैफिक डायवर्जन लागू
नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव ने जानकारी दी कि कालिंदी कुंज मार्ग अभी आंशिक रूप से चालू है, लेकिन जैसे-जैसे कांवड़ियों की संख्या बढ़ेगी, इस पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी। इसके अलावा ओखला पक्षी विहार के रास्ते पर भी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। केवल कांवड़ समिति से जुड़े वाहन ही इस मार्ग का उपयोग कर सकेंगे। चिल्ला बॉर्डर, जो कि दिल्ली और नोएडा को जोड़ता है, वहां 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि कांवड़ यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न आए और श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से सड़क पार कराई जा सके।
सेक्टर-62 और महामाया फ्लाईओवर रूट पर विशेष ध्यान
कांवड़ियों के एक बड़े जत्थे के नोएडा के सेक्टर-62, मॉडल टाउन, एनआईबी चौकी और सेक्टर-63 छिजारसी मार्ग से गुजरने की भी संभावना है। ये श्रद्धालु आगे जाकर महामाया फ्लाईओवर होते हुए दिल्ली में प्रवेश करते हैं। पुलिस ने बताया कि इन रूट्स पर ट्रैफिक को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिससे न श्रद्धालुओं को दिक्कत हो और न ही आम यात्रियों को।
ओखला पक्षी विहार भी आम जनता के लिए बंद
कांवड़ यात्रा को देखते हुए ओखला पक्षी विहार अभयारण्य को भी 18 जुलाई से 24 जुलाई तक आम नागरिकों और पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि कांवड़ यात्रा के दौरान यह रूट कांवड़ियों की आवाजाही का मुख्य मार्ग बन जाता है। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां से गुजरते हैं। प्रशासन को आशंका है कि अगर आम जनता भी घूमने आई तो भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है।