17 April 2024 Panchang In Hindi, Ram Navami Puja Muhurat 2024: आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष की नवमी है। आज सिद्धिदात्री देवी के रूप में माता की पूजा होती है। आज श्री रामनवमी भी है। अखिल ब्रम्हांड नायक परम पिता परमेश्वर भगवान श्री राम जी का आज अवतार हुआ। राम परम ब्रम्ह हैं। नवरात्रि का पावन व्रत व नवम दिवस है। माता दुर्गा जी की पूजा करें। माता को प्रसन्न करने के लिए पूर्ण समर्पण भाव से उनकी उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। इसके अलावा सिद्धिकुंजिकास्तोत्र, सप्तश्लोकी दुर्गा का 09 बार पाठ करें। साथ में राम जी की भी विधि विधान पूजा जरूर करें। राम जी के मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाएं। अब जानिए आज का पंचांग, राम नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त और आज के शुभ योग।
Ram Navami 2024 Muhurat (राम नवमी 2024 पूजा मुहूर्त)
राम नवमी पूजा मुहूर्त – 11:03 AM से 01:38 PMराम नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:21 PM
नवमी तिथि प्रारम्भ – 16 अप्रैल 2024 को 01:23 PM बजे
नवमी तिथि समाप्त – 17 अप्रैल 2024 को 03:14 PM बजे
17 April 2024 Panchang (17 अप्रैल का पंचांग)
पर्व-चैत्र नवरात्रि राम नवमी, माता सिद्धिदात्री जी की उपासना
माह-चैत्र , शुक्ल पक्ष
तिथि- नवमी 03:15 pm तक फिर दशमी
सूर्योदय-06:05am
सूर्यास्त-06:43 pm
नक्षत्र-आश्लेषा
चन्द्र राशि- कर्क
सूर्य राशि- मेष
करण-कौलव
योग-शूल
17 April 2024 Shubh Muhurat (17 अप्रैल 2024 शुभ मुहूर्त)
अभिजीत-11:57am से 12:48 pm
विजय मुहूर्त-02:28pm से 03:23 pm तक
गोधुली मुहूर्त–06:44 pm से 07:04pm तक
अशुभ मुहूर्त- कोई नहीं
रवि योग- पूरे दिन
17 April 2024 Rahukaal Time (17 अप्रैल 2024 राहुकाल समय)
17 अप्रैल को राहुकाल दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि नवमी तिथि पर क्या करें
नवमी पर मन्दिर में माता दुर्गा का दर्शन अवश्य करना चाहिए। असत्य व क्रोध से दूर रहें व दुर्गा मंदिर में उनकी एक परिक्रमा करें। माता सिद्धिदात्री रूप में माता जी की पूजा भी करें। आज श्री राम स्तुति का बहुत महत्व है। घर घर श्री राम जन्मोत्सव मनाएं। मंदिर में जल व फल का वितरणवृक्षारोपण करें। शिव मंदिर में बेल व पीपल का पेड़ लगाएं। अन्न दान का बहुत महत्व है। बंगलामुखी अनुष्ठान करें। माता दुर्गा मंदिर में आरती का अनन्त पुण्य है। अपने घर के मंदिर में स्वर्ण व चांदी के आभूषण से माता दुर्गा जी की मूर्ति का श्रृंगार करें। शंख में जल भरकर माता के चरणों में अर्पित करें। माता जी को आज हलवा व चना का भोग लगाएं।