17 September 2024 Panchang In Hindi: इस दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा रहेगी। इस पूर्णिमा को श्राद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) शुरू हो जाता है। इसके अलावा इस दिन अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi Muhurat 2024) का त्योहार भी मनाया जाएगा। ये दिन गणेश विसर्जन का आखिरी दिन होता है। तो वहीं विश्वकर्मा पूजा भी इसी दिन की जाएगी (Vishwakarma Puja Muhurat 2024)। कुल मिलाकर 17 सितंबर का दिन बेहद खास होने वाला है। इतना ही नहीं इस दिन कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti 2024) भी मनाई जाएगी। चलिए जान लेते हैं 17 सितंबर का पूरा पंचांग।
अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का समय 2024 (Anant Chaturdashi 2024 Ganesh Visarjan Muhurat)
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 08:57 AM से 01:32 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 03:04 PM से 04:36 PM
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 07:36 PM से 09:04 PM
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 10:33 पी एम से 02:57 AM, सितम्बर 18
पूर्णिमा श्राद्ध मुहूर्त 2024 (Purnima Shradh Muhurat 2024)
कुतुप मूहूर्त – 11:36 AM से 12:25 PM
रौहिण मूहूर्त – 12:25 PM से 01:14 PM
अपराह्न काल – 01:14 PM से 03:41 PM
17 सितंबर 2024 चंद्रोदय समय (17 September 2024 Moon Rise Time
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय शाम 05 बजकर 46 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि 17 सितम्बर 2024 की सुबह 11:44 AM बजे से 18 सितम्बर 2024 की सुबह 08:04 बजे तक रहेगी।
अनंत चतुर्दशी मुहूर्त 2024 (Anant Chaturdashi Muhurat 2024)
अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 05:53 AM से 11:44 AM
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – 16 सितम्बर 2024 को 03:10 PM बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 17 सितम्बर 2024 को 11:44 AM बजे
17 सितम्बर 2024 का पंचांग (17 September 2024 Panchang)
संवत—पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-भाद्रपद ,शुक्ल पक्ष
तिथि- चतुर्दशी व्रत- चतुर्दशी व्रत
दिवस-मंगलवार
सूर्योदय-05:57am
सूर्यास्त-06:18pm
नक्षत्र- शतभिषा
चन्द्र राशि — कुम्भ राशि,स्वामी ग्रह-शनि
सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध
करण- गरज
योग- धृति
17 सितंबर 2024 शुभ मुहूर्त (17 September 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत-11:55am से 12:22 pm
विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:21 pm तक
गोधुली मुहूर्त–06:20pm से 07:20 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:04 am से 05:05 am तक
अमृत काल-06:06am से 07:51 am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:47 से 12:21 तक रात
संध्या पूजन-06:21 pm से 07:04pm तक
दिशा शूल- उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त–राहुकाल–दोपहर 03बजे से 04:30 बजे सायंकाल तक
क्या करें-क्या ना करें- मासिक भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि है। आज आप गणेश जी के निमित्त व्रत रख सकते हैं। मंगलवार व्रत रहें। शिव कल्याणकारी व पालनकर्ता हैं। वह संकटों का नाश करते हैं। किसी भी कार्य के निर्विध्न रूप से पूर्ण करने वाले श्री विनायक जी हैं। यह महान व्रत नियम पूर्वक करना होता है। मंगलवार उपवास में हनुमान जी की उपासना की जाती है। छात्र चतुर्दशी व्रत रख सकते हैं। आज संकल्प करें कि हम ज्ञान प्राप्त करेंगे। कुछ संत निराजल व्रत रखकर आज गणेश उपासना करते हैं। आज मंगलवार भी है। सुंदरकांड का पाठ करें। आज आपका भोजन फलाहारी हो। कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कराएं। हनुमान चालीसा का 100 पाठ भी करें। बड़े भाई की किसी भी बात को अवज्ञा मत करें।