हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 6 जुलाई 2023 का पंचाग…
वार- गुरुवार
पक्ष- कृष्ण पक्ष
तिथि- तृतीया, 06:30 एएम तक
क्षय तिथि- चतुर्थी, 03:12 एएम, जुलाई 07 तक
नक्षत्र- धनिष्ठा, 12:25 एएम, जुलाई 07 तक
योग- प्रीति, 12:00 एएम, जुलाई 07 तक
करण- विष्टि, 06:30 एएम तक
द्वितीय करण- बव, 04:49 पीएम तक
सूर्योदय- 05:29 एएम
सूर्यास्त- 07:23 पीएम
अशुभ मुहूर्त
दुष्टमुहूर्त- 10:06:36 से 11:02:13 तक, 15:40:18 से 16:35:55 तक
कुलिक- 10:06:36 से 11:02:13 तक
कंटक- 15:40:18 से 16:35:55 तक
राहु काल- 14:09:55 से 15:54:12 तक
कालवेला/अर्द्धयाम- 17:31:32 से 18:27:09 तक
यमघण्ट- 06:24:08 से 07:19:45 तक
यमगण्ड- 05:28:30 से 07:12:47 तक
गुलिक काल- 08:57:04 से 10:41:21 तक
शुभ मुहूर्त
अभिजीत: 11:57:50 से 12:53:27 तक
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
पंचांग का मुख्य उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं. किसी भी मांगलिक कार्य, व्रत-उपवास, त्योहार आदि के लिये इसकी जरूरत पड़ती है. पंचांग पढ़कर कोई व्यक्ति यह तय कर सकता है कि आज का दिन किसी विशेष कार्य को शुरू करना है या नहीं.
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