हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसके बेटे मोईद मलिक को भी गिरफ्तार किया है। हल्द्वानी पुलिस की कई टीमें और एसओजी 8 फरवरी से फरार चल रहे मोईद को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी।
टीम ने बुधवार दिल्ली में मोईद को गिरफ्तार किया है। विदित हो कि मास्टमाइंड अब्दुल को भी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सूत्रों की बात मानें तो अब्दुल से पूछताछ के दौरान पुलिस को वांटेड मोईद के बारे में कई अहम सुराग हाथ लगे थे।
वनभूलपुरा हिंसा मामले में घोषित नौ वांटेड में से सिर्फ अब्दुल मोईद ही फरार चल रहा था। वहीं पुलिस ने मोईद की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू की थी। जानकारी मिलते ही पुलिस ने लगभग पांच टीमें गठित कर चंडीगढ़, जयपुर, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि भेजी थीं। गिरफ्तार करने वाली टीम को डीआईजी की ओर से 5000 और एसएसपी की ओर से 2500 रुपये का इनाम घोषित किया है।
यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र से लेकर कई राज्यों तक लगाई दौड़
हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे को पकड़ने के लिए दिल्ली, यूपी, हरियाणा सहित कई राज्यों में ढेरा डाला हुआ था। पुलिस ने सर्विलांस टीम को एक्टिव करने के साथ ही खूफिया तंत्र की भी मदद ले रही थी।
हालांकि, पुलिस को सबसे ज्यादा परेशानी दोनों वांटेड बाप-बेटों के बारों में सर्विलांस से कोई खास लीड नहीं मिली थी क्योंकि फरार होने के बाद से ही दोनों ने अपने मोबाइल फोन बंद किए हुए थे।
मोईद 21 दिन बाद हुआ गिरफ्तार
हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस आठ वांछित आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन 21 दिन बाद पुलिस अब्दुल मोईद तक पहुंच पाई है। हल्द्वानी हिंसा के 9वें वांछित अब्दुल मोईद को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अंधेरे में तीर चलाती रही।
सूत्रों के मुताबिक मोईद की तलाश में टीमें अब तक दिल्ली से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में 50 से ज्यादा जगहों पर दबिश दे चुकी थी।
अब्दुल-मोईद समेत 35 आरोपियों पर भी लगेगा यूएपीए
हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद उस पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की है। अब पुलिस उसके बेटे वांटेड अब्दुल मोईद और संबंधित मुकदमे में नामजद एवं गिरफ्तार किए जा चुके 35 अन्य आरोपियों पर भी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानि यूएपीए के तहत कार्रवाई करने जा रही है