संचार न्यूज़। पाकिस्तान से आई सीमा गुलाम हैदर और सचिन मीणा की लव स्टोरी इस समय सुर्खियों में है। सचिन मीणा को लप्पू सा सचिन और झींगुर सा सचिन कहने वाली मिथिलेश भाटी एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने किसानों की पंचायत में यमुना प्राधिकरण को लप्पू सा प्राधिकरण और झींगुर से अधिकारी कहकर सुर्खियां बटोरी हैं। उनकी यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण के खिलाफ किसान धरने पर बैठे हुए है। किसानों का आरोप है कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट ट्रैक पर होने वाली 22 सितंबर को मोटोजीपी रेस का वह विरोध करेंगे और यहां पर मोटो जीपी रेस के इस आयोजन को नहीं होने देंगे। किसानों का आरोप है कि वर्ष 2007 में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने 11 गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था लेकिन मूल मुआवजा मिलने के बाद किसानों को अभी तक बढ़ा हुआ 64.7% मुआवजा नहीं दिया गया है जिसको लेकर वह विरोध कर रहे हैं। किसानों के धरने की पंचायत में पहुंचकर मिथिलेश भाटी ने प्राधिकरण के अधिकारियों और प्राधिकरण पर टिप्पणी की है।
किसानों के धरने में शुक्रवार को शामिल हुई मिथिलेश भाटी ने कहा कि “प्राधिकरण ने क्या समझ रखा है अपने आप को.. इसको जरा सी शर्म नहीं आती… जो मन में आता है वह करता है। सुन लो प्राधिकरण वाले तुम में कुछ भी नहीं है लप्पू सा प्राधिकरण है और झींगुर से इसके अधिकारी हैं। जो तिनका सा काम करते हैं जो किसानों तक जाते-जाते हवा में उड़ जाता है। सुधर जाओ भाइयों” मिथिलेश भाटी की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है
ज्ञापन के बाद किसानों ने महापंचायत को किया स्थगित
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट से प्रभावित 11 गांव के किसान बढ़े हुए 64.7% प्रतिशत मुआवजजे की मांग और 10% आवासीय भूखंड की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। इसके साथ ही किसान बालिका इंटर कॉलेज का निर्माण, डूब क्षेत्र में किसानों के लिए रजिस्ट्री खोले जाने की मांग, यमुना प्राधिकरण के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण करने, किसानों के प्लॉटों पर लगी पेनल्टी को माफ करना, क्षेत्रीय युवाओं को शिक्षा और बेरोजगार युवकों को 50% का आरक्षण देने सहित अन्य कई मांगों को लेकर किसानों ने शुक्रवार को ज्ञापन सौपा। किसानों ने यह ज्ञापन यमुना प्राधिकरण के तहसीलदार पंकज और एसडीएम सदर अंकित कुमार को सौपा। किसानों ने एसडीएम और तहसीलदार के आश्वासन के बाद 15 सितंबर को सलारपुर अंडरपास के नीचे होने वाली महापंचायत को स्थगित कर दिया है।